Chankya niti : चाणक्य कहते हैं कि किसी वस्तु की सुगंध को फैलाने के लिए ठंडी बयार की जरूरत होती है, लेकिन व्यक्ति का गुण या योग्यता भी मुंह से कहने की आवश्यकता नहीं वह स्वत : ही प्रसारित होते हैं सुगंध के समान। जिस तरह सुगंध को दबाकर नहीं रखा जा सकता उसी तरह अच्छे गुण भी दबकर नहीं रह सकते। ख्याति की मीठी बयार उसे मिल ही जाती है। इसी प्रकार यदि 4 चीजों का त्याग कर दिया तो अमीर बनने से आपको कोई रोक नहीं सकता।
1. घमंड : चाणक्य कहते हैं कि घमंड न केवल धन का नाश करता है बल्कि यह रिश्तों और संबंधों का भी नाश कर देता है। घमंडी व्यक्ति के पास लक्ष्मी नहीं आती है। अमीर आदमी को कभी भी रुपयों का घमंड नहीं करना चाहिए। रुपयों का घमंड करने से माता लक्ष्मी नाराज हो जाती है। इसलिए घमंड को त्यागकर विनम्रता को अपनाने में ही भलाई है।
2. बेईमानी : बेईमानी से कमाया गया पैसा कभी नहीं फलता है। आज नहीं तो कल उसका भुगतान करना ही पड़ता है। इसलिए बेईमानी को और इससे कमाए गए पैसे को त्याग देने में ही भलाई है। जो लोग गलत रास्ते से धन कमाते हैं उन्हें कभी भी सफलता नहीं मिलती है।
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3. वाणी : कड़वे वचन बोलते रहने के पास कोई नहीं टिकता। न धन और न ही रिश्ते। कभी भी कड़वे वचन नहीं बोलना चाहिए। यदि वाणी में मधुरता नहीं है तो आप सफलता से कोसों दूर रहेंगे। कठोर वाणी का त्याग करके मधुर वाणी को अपनाने से सफलता कदम चूमने लगेगी। जीवन भर सफलता मिलती रहेगी।
4. धन का त्याग : चाणक्य के अनुसार जो धन बहुत मेहनत के बाद मिले, जिसके लिए अपने धर्म का त्याग करना पड़े, जिसके लिए शत्रुओं की खुशामद करनी पड़े उस धन का मोह नहीं करना चाहिए। उसका त्याग कर देना चाहिए।