हिन्दू परंपरा के अनुसार प्रत्येक घर के अंगन में तुलसी का पौधा जरूर लगाया जाता है। तुलसी को हमारे धर्म में देवी का स्थान दिया गया है, और मां लक्ष्मी के रूप में इसकी पूजा की जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि तुलसी का पौधा नकारात्मक उर्जा से घर-परिवार की रक्षा ही नहीं करता बल्कि आने वाली मुसीबतों से आगाह भी करता है। आइए जानते हैं कैसे -
दरअसल ऐसा माना जाता है, कि जिस घर में नकारात्मक उर्जा का वास होता है, वहां तुलसी का पौधा जीवित नहीं रहता। हमारे शास्त्रों में भी कहा गया है, कि जिस घर पर मुसीबत आने वाली होती है, या किसी प्रकार की हानि होने वाली होती है, उस घर की लक्ष्मी अर्थात तुलसी चली जाती है, या यूं कहें कि सूख जाती है।
कई बार इस तरह के उदाहरण भी सामने आए हैं, कि जिस घर में तुलसी का पौधा हरा भरा नहीं रहता, या बार-बार लगाने के बाद भी सूख जाता है, वहां सुख-समृद्धि नहीं होती और किसी न किसी प्रकार की समस्याएं लगी ही रहती हैं। क्योंकि जहां पर दरिद्रता, गंदगी, अशांति, क्लेश होता है, वहां पर मां लक्ष्मी कभी वास नहीं करती।
इस बारे में ज्यार्तिविदों का कहना है, कि ऐसा बुध ग्रह के कारण बुध ग्रह के कारण होता है, हरा रंग जिसका प्रतिनिधित्व करता है। ज्योतिष विज्ञान के अनुसार बुध ग्रह को पेड़-पौधों वनस्पतियों का कारक माना जाता है और हरे रंग पर बुध का प्रभाव होता है।
दरअसल बुध एक ऐसा ग्रह है, जो अन्य ग्रहों के शुभ और अशुभ प्रभावों को हम तक पहुंचाता है। इसके अनुसार अगर कोई ग्रह शुभ फल प्रदान करता है, तो उसका सकारात्मक प्रभाव बुध से संबंधित वस्तुओं पर भी अवश्य पड़ेगा। और अगर कोई ग्रह अपना अशुभ फल प्रदान करता है, तो इसका असर बुध की कारक वस्तुओं पर नकारात्मक तरीके से होता है।
यही कारण है, कि जब किसी ग्रह के अशुभ परिणामों से किसी प्रकार की हानि, परेशानी या समस्या की संभावना होती है, तो इसका नकारात्मक प्रभाव उस ग्रह से संबंधित वनस्पतियों और घर के पेड़ पौधों पर भी वैसा ही पड़ता है। ऐसे में उस ग्रह का नकारात्मक प्रभाव बुध के प्रभावी रंग की चीजों पर भी नकारात्मक ही होता है । तुलसी भी इन्हीं में से एक है, और उसका रंग भी हरा होता है, इसलिए इसके सूखने या न फलने फूलने को परेशानी, मुसीबत या अनहोनी से जोड़कर देखा जाता है।