Don't take enmity with 8 people even by forgetting: आचार्य चाणक्य की नीति के अनुसार यदि व्यक्ति को तरक्की करना हो, परेशानियों से बचना हो और सुखपूर्वक जीवन यापन करना हो तो उसे इन 8 लोगों से कभी भी शत्रुता नहीं रखना चाहिए। यदि आपने शत्रुता मोल ली तो जीवन परेशानी में पड़ सकता है या मौत भी हो सकती है।
आत्पद्वेषाद् भवेन्मृत्यु: परद्वेषाद् धनक्षय:।
राजद्वेषाद् भवेन्नाशो ब्रह्मद्वेषाद कुलक्षय:।।-चाणक्य नीति
2. स्वयं : कोई व्यक्ति खुद से द्वेष रखता, अनादर करता, शरीर और मन का ध्यान नहीं रखता है तो मृत्यु कभी भी आ सकती है।
3. बलशाली : बलशाली व्यक्ति चाहे धन से हो, शरीर से या हथियार साथ हो, उससे दुश्मनी मोल लेने का अर्थ मौत को न्योता देना है।