सप्तपुरियों में से एक सरयू तट पर बसी प्रभु श्रीराम की पावन नगरी अयोध्या में राम के जीवन से जुड़े कई स्थान है एक ओर जहां उनकी पत्नी सीता का कनक भवन है तो दूसरी ओर उनके पिता का महल। उनके प्रिय हनुमान का हनुमानगढ़ी में स्थान है तो इसी तरह वह स्थान भी है जहां प्रभु राम अपने दांतों की सफाई करते थे। उस स्थान को दंत धावन कुंड या राम दतौन कहते हैं।
हनुमानी गढ़ी क्षेत्र में ही दन्तधावन कुंड है जहां श्रीराम अपने भाइयों के साथ अपने दांतों की सफाई कर कुल्ला करते थे। इसे ही राम दतौन भी कहते हैं। इस कुंड में कई दुर्लभ प्रजाती के कछुए तैरते रहते हैं। अयोध्या में उत्सव के दौरान इस कुंड के आसपास लाइटिंग की जाती है और इसे सजाया जाता है।
इसके आलावा यहां सीता कुंड, दशरथ कुंड, विभीषण कुंड है जो उनके निजी हुआ करते थे। इसके अलावा वशिष्ठ कुंड, लोमश गणेश कुंड, सूर्य कुंड, शत्रुघ्न कुंड और बृहस्पति कुंड भी है। ब्रह्मा कुंड जहां ब्रह्मा ने तप और यज्ञ किया था और जहां पर सिख गुरुनानकदेवी ने ध्यान किया था।