अयोध्या में राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण 5 अगस्त 2020 से प्रारंभ हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूमि पूजन और शिलान्यास करेंगे। इस निर्माण के दौरान लगभ 150 से अधिक पौराणिक स्थानों का जीर्णोद्धार भी होना हैं जिसमें से एक दशरथ महल भी है। आओ जानते हैं इसके बारे में संक्षिप्त में।
अयोध्या में रामकोट स्थित 'दशरथ महल' दशरथ जी का राजमहल जो जिसे आज एक सिद्ध पीठ माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार राजा दशरथ ने त्रेता युग में इस महल की स्थापना की थी। इस स्थान पर श्री वैष्णव परम्परा की प्रसिद्ध पीठ एवं विन्दुगादी की सर्वोच्च पीठ भी स्थित है। इस पौराणिक महल का कालांतर में कई बार जीर्णोद्धार हुआ है।
महाराज दशरथ के महल को बड़ा स्थान या बड़ी जगह के नाम से भी जाना जाता है। राम विवाह, दीपावली, श्रावण मेला, चैत्र रामनवमी और कार्तिक मेला का यहां उत्साह के साथ मनाया जाता है। माना जाता है कि चक्रवर्ती महाराज दशरथ महल में राजा दशरथ अपने नाते-रिश्तेदारों के साथ रहते थे। यह स्थल अब एक पवित्र मंदिर के रूप में तब्दील हो चुका है, जहां राम-सीता, लक्ष्मण और शत्रुघ्न आदित की प्रतिमाएं हैं। यह स्थल सैलानियों के लिए सुबह 8 से लेकर दोपहर 12 बजे तक और शाम 4 से लेकर रात के 10 बजे तक खोला जाता है।