पश्चिम बंगाल के जगन्नाथ मंदिर की 5 खास बातें, चील लेकर गई थी उसी ध्वज को लहराया

WD Feature Desk

बुधवार, 30 अप्रैल 2025 (12:12 IST)
jagannath mandir digha: ओडिशा के नगर पुरी में स्थित प्राचीन जगन्नाथ मंदिर की तरह की पश्चिम बंगाल के दीघा में भी जगन्नाथ मंदिर बनकर तैयार है। दीघा बंगाल की बीच सिटी यानी समुद्र तटीय शहर है। हूबहू जगन्नाथ मंदिर की तरह ही यह मंदिर बनाया गया है जहां पर भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा की पत्थर की मूर्ति को विराजमान किया गया है। सालाना रथ यात्रा को भी आयोजित किए जाने की योजना है। पहली यात्रा जून में आयोजित होने की संभावना है।  वर्ष 2018 में निर्णय लेकर वर्ष 2022 में मंदिर निर्माण की शुरुआत अक्षय तृतीया पर की गई थी। वर्ष 2025 में अक्षय तृतीया पर ही इसका उद्घाटन राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के द्वारा किया जा रहा है।
 
1. मंदिर की शैली: मंदिर की नक्काशी कलिंग शैली में की गई है। इसके लिए राजस्थान के बंसी पहाड़पुर से लाल बलुआ पत्थर मंगाए गए थे।
 
2. मंदिर की संरचना: करीब 20 एकड़ में निर्मित मंदिर में चार प्रमुख मंडप है। मंदिर में विमान (गर्भगृह), जगमोहन, नट मंदिर (नृत्य हॉल) और भोग मंडप यानी प्रसाद मंडम हैं। मंदिर में चारों दिशाओं में प्रवेश द्वार है। सिंह द्वार, व्याघ्र द्वार, हस्ती द्वार और अश्व द्वार। हर दरवाजे के पास सीढ़ियां और छतरी बनी है। हर दरवाजे को शंख, चक्र, कमल से सजाया गया है। मंदिर के गुंबद से लेकर हर दरवाजे पर रंग-बिरंगी लाइटिंग लगाई गई है। मंदिर में दीप स्तंभ बनाए गए हैं। मुख्य द्वार से प्रवेश करने के बाद, अरुण स्तंभ है। 
 
3. मंदिर की ऊंचाई: मंदिर की ऊंचाई करीब 65 मीटर यानी 213 फीट है। पुरी का जगन्नाथ मंदिर भी करीब इतना ही ऊंचा है।
 
4. मंदिर का नीलचक्र: शिखर पर नीलचक्र की तरह ही चक्र लगाया गया है, जो दूर से ही नज़र आता है।  
5. मंदिर का ध्वज: मंदिर के शिखर पर पुरी की तरह हर रोज शाम को ध्वज परिवर्तन भी किया जाएगा। ऐसी खबरें भी हैं कि मंदिर के राजेश द्वैतापति का दावा है कि 15 दिन पहले पुरी के जगन्नाथ मंदिर के गुंबद से चील जो ध्वज लेकर उड़ गई थी वह मेरे घर घर छोड़ गई थी। उसी ध्वज को मंदिर में गुंबद लगाया गया है।

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी