स्कंदपुराण में उल्लेख है इस मंदिर : स्कंदपुराण के केदारखंड में बताया गया है कि शिवजी, मां पार्वती से कहते हैं कि यह गोस्थल नाम का दर्शनीय स्थल है। जहां मैं तुम्हारे साथ नित्य निवास करता हूं, वहां मेरा नाम पश्वीश्वर है। इस स्थान में भक्तों की भक्ति विशेष बढ़ती जाती है। वहां हमारा चिह्न स्वरूप जो त्रिशूल है, वह हैरान करने वाला है। मान्यता है कि पश्वीश्वर महादेव, देवी पार्वती के साथ यहां साक्षात रूप में मंदिर में निवास करते हैं।