2. ज्वाला रूप की पूजा : इस मंदिर में माता के मूर्तिरूप की नहीं बल्कि ज्वाला रूप की पूजा होती है, जो हजारों वर्षों से प्रज्वलित है। यहां प्रज्वलित ज्वाला चमत्कारिक मानी जाती है। इस स्थान से आदिकाल से ही पृथ्वी के भीतर से 9 अग्निशिखाएं निकल रही हैं। ये ज्वालाएं 9 देवियों- महाकाली, महालक्ष्मी, सरस्वती, अन्नपूर्णा, चंडी, विन्ध्यवासिनी, हिंगलाज भवानी, अम्बिका और अंजना देवी का ही स्वरूप हैं।