मध्यप्रदेश में है नागदेव का एक ऐसा स्थान जहां अमरनाथ जैसी है कठिन चढ़ाई, जंगलों से घिरा है मंदिर

WD Feature Desk

मंगलवार, 6 अगस्त 2024 (16:43 IST)
Nagdwar mandir pachmarhi
Nag Panchami 2024: मध्यप्रदेश में शिवजी और नागदेव का एक ऐसा मंदिर है जहां पर जाने के लिए करीब 7 पहाड़ों को पार करना होता है। यह अमरनाथ की गुफा तक पहुंचने से भी ज्यादा कठिन यात्रा है। यात्रा के मार्ग में घने जंगलों में जहरीले सांप, जनावरों और भूस्खलन का खतरा भी रहता है। वर्ष में एक बार सावन माह में सिर्फ 10 दिनों के लिए ही यह मंदिर खुलता है। इस यहां 5 लाख लोगों द्वारा दर्शन करने के अनुमान है। इस मंदिर का नाम है नागद्वार मंदिर जो पचमढ़ी के पहाड़ों पर स्थित है।ALSO READ: नागपंचमी पर जरूर जाएं इन 6 नाग मंदिरों से किसी एक स्थान पर, मन्नत होगी पूरी
 
कहते हैं कि सतपुड़ा के घने जंगलों के बीच एक ऐसा रहस्यमयी रास्ता है जो सीधा नागलोक जाता है। इस दरवाजे तक पहुंचने के लिए दुर्गम पहाड़ों की चढ़ाई और खतरनाक जंगलों से होकर गुजरान होता है। तब जाकर आप नागद्वारी पहुंच सकते हैं। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व क्षेत्र होने के कारण यहां प्रवेश वर्जित होता है। हर साल नागपंचमी पर यहां एक मेला भरता है।
 
मंदिर का परिचय : नागद्वारी के अंदर करीब 100 फीट लंबी चिंतामणि की गुफा है। इस गुफा में नागदेव की कई मूर्तियां हैं। यहां से करीब आधा किमी की दूरी पर एक गुफा में स्वर्ग द्वार है। यहां पर भी नागदेव की ही मूर्तियां हैं। सुबह से श्रद्धालु नाग देवता के दर्शन के लिए निकलते हैं। 12 किमी की पैदल पहाड़ी यात्रा पूरी कर लौटने में भक्तों को दो दिन लगते हैं। पहाड़ियों पर सर्पाकार पगडंडियों से नागद्वारी की कठिन यात्रा पूरी करने से कालसर्प दोष दूर होता है और शिवलिंग में काजल लगाने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।ALSO READ: Nag Panchami 2024 : नागपंचमी पर इस तरीके से करें पूजा
 
अमरनाथ और नागद्वारी की यात्रा सावन मास में ही होती है। बाबा अमरनाथ की यात्रा के लिए ऊंचे हिमालयों से होकर गुजरना होता है जबकि नागद्वारी की यात्रा सतपुड़ा की घनी व ऊंची पहाडिय़ों में सर्पाकार पगडंडियों से पूरी होती है।ALSO READ: श्रावण मास में नागपंचमी का त्योहार कब मनाया जाएगा, क्या हैं शुभ मुहूर्त?

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