Shiv worship : हिन्दू धर्मग्रंथों के अनुसार भगवान भोलेनाथ की पूजा में खास तौर उपयोग में लाया जाने वाला शिवलिंग एक विशेष प्रकार का पत्थर होता है और इसे क्षरण से बचाने के लिए ही इस पर दूध, शहद, और घी जैसे चिकनाई वाले ठंडे पदार्थ अर्पित किए जाते हैं। इसीलिए शिवलिंग पर जल, दूध, घी, दही, शहद आदि सामग्री चढ़ाकर उन्हें घिसने से बचाया जाता है।
आइए अब जानते हैं शिवलिंग पर कच्चा दूध और जल चढ़ाने की कथा :
इस संबंध में वर्णित पौराणिक कथा के अनुसार जब समुद्र मंथन हुआ तो उसमें से 14 बहुमूल्य रत्नों के साथ ही कालकूट नामक विष निकला। इस विष से संपूर्ण संसार पर विष का खतरा मंडराने लगा। इस विपत्ति को देखते हुए सभी देवता और दैत्यों ने भगवान भोलेनाथ से इससे सभी जीवों को बचाने की प्रार्थना की।
इस संबंध में यह भी कहा जाता हैं कि शिव जी को दूध प्रिय है, अत: सावन के महीने में तथा हर सोमवार को दूध तथा जल से स्नान कराने पर मनुष्य की सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। ऐसा वरदान स्वयं शिव जी अपने भक्तों को देते हैं।