26 जनवरी गणतंत्र दिवस की परेड के कुछ रोचक तथ्य

WD Feature Desk

गुरुवार, 23 जनवरी 2025 (17:38 IST)
76th Republic Day 2025:गणतंत्र दिवस पर सेना की परेड भारत के सबसे महत्वपूर्ण और भव्य आयोजनों में से एक है। यह हर साल 26 जनवरी को नई दिल्ली में राजपथ पर आयोजित की जाती है। परेड में भारतीय सेना, नौसेना, वायु सेना और अन्य सुरक्षा बलों की टुकड़ियां भाग लेती हैं। इसके अलावा, परेड में एनसीसी और स्काउट के कैडेट भी भाग लेते हैं। इसी के साथ ही विभिन्न राज्यों की झांकियाँ, सांस्कृतिक कार्यक्रम और सैन्य प्रदर्शन भी शामिल होते हैं। परेड की तैयारी कई महीनों पहले शुरू हो जाती है। परेड में भाग लेने वाले सैनिकों और अन्य प्रतिभागियों को कड़ी ट्रेनिंग से गुजरना होता है।ALSO READ: गणतंत्र दिवस परेड में 'चीता द प्राइड ऑफ इंडिया' की थीम पर केंद्रित होगी मध्यप्रदेश की झांकी
 
यहां गणतंत्र दिवस की परेड के कुछ रोचक तथ्य 
1. परेड की शुरुआत (Start of the parade) : परेड की शुरुआत राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराने के साथ होती है। इसके बाद, राष्ट्रगान गाया जाता है और 21 तोपों की सलामी दी जाती है।
 
2. परेड का मार्ग (Parade route): परेड राजपथ से शुरू होकर लाल किले पर समाप्त होती है। यह लगभग 5 किलोमीटर की दूरी तय करती है।
 
3. परेड में भाग लेने वाले (Parade participants): परेड में भारतीय सेना, नौसेना, वायु सेना, तटरक्षक बल, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, सीमा सुरक्षा बल और अन्य सुरक्षा बलों की टुकड़ियां भाग लेती हैं। इसके अलावा, विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियां भी परेड का हिस्सा होती हैं।
 
4. परेड के आकर्षण (Parade highlights) : परेड के मुख्य आकर्षणों में सैन्य प्रदर्शन, जैसे कि टैंक, मिसाइल और अन्य हथियारों का प्रदर्शन, और वायु सेना के विमानों का फ्लाईपास्ट शामिल हैं। इसके अलावा, विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम भी परेड का हिस्सा होते हैं।
 
5. परेड का महत्व (Significance of the parade): गणतंत्र दिवस की परेड भारत की एकता, अखंडता और सांस्कृतिक विविधता का प्रतीक है। यह देश के लोगों को एक साथ लाने और राष्ट्रीय गौरव की भावना को बढ़ावा देने का एक अवसर है।ALSO READ: Republic Day Parade 2025: गणतंत्र दिवस की परेड में शौर्य प्रदर्शन के लिए कौन-कौन होते हैं शामिल?
 
6. मार्चिंग (Marching): परेड का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा सैनिकों की लयबद्ध मार्चिंग होती है। वे एक विशेष ताल और गति में कदम से कदम मिलाकर चलते हैं, जो देखने में बहुत ही अनुशासित और प्रभावशाली लगता है। विभिन्न रेजिमेंट और बलों के सैनिक अपनी-अपनी विशिष्ट शैली में मार्च करते हैं।
 
7. शस्त्र प्रदर्शन (Weapon Display): परेड में सेना अपने आधुनिक हथियारों और उपकरणों का प्रदर्शन करती है, जिनमें टैंक, मिसाइल, तोपें, और अन्य सैन्य वाहन शामिल होते हैं। यह प्रदर्शन देश की सैन्य शक्ति और तकनीकी प्रगति को दर्शाता है।
 
8. झाँकियाँ (Tableaux): विभिन्न राज्यों और मंत्रालयों की झांकियां परेड का एक अहम हिस्सा होती हैं। ये झाँकियाँ भारत की सांस्कृतिक विविधता और विकास को दर्शाती हैं। इनमें विभिन्न क्षेत्रों की कला, संस्कृति, और ऐतिहासिक घटनाओं को दर्शाया जाता है।
 
8. वायु प्रदर्शन (Air Display): भारतीय वायु सेना के विमानों का फ्लाई पास्ट परेड का एक रोमांचक हिस्सा होता है। विभिन्न प्रकार के लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर, और परिवहन विमान आकाश में कलाबाजियां करते हुए दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं।
 
9. बैंड प्रदर्शन (Band Display): सेना के बैंड अपनी धुनों से परेड में जोश और उत्साह भर देते हैं। वे देशभक्ति के गीत और मार्चिंग धुनें बजाते हैं, जो दर्शकों को प्रेरित करती हैं।ALSO READ: 76वां गणतंत्र दिवस : कर्तव्य पथ की परेड से लेकर बीटिंग रिट्रीट तक, जानिए भारतीय गणतंत्र की 26 अनोखी बातें
 
10. सलामी (Salute): परेड के दौरान, सैनिक राष्ट्रपति और अन्य गणमान्य व्यक्तियों को सलामी देते हैं। यह सम्मान और राष्ट्र के प्रति समर्पण का प्रतीक होता है।
11. अनुशासन और समन्वय (Discipline and Coordination): परेड में सैनिकों का अनुशासन और समन्वय देखने लायक होता है। वे एक साथ कदमताल करते हैं, एक साथ मुड़ते हैं, और एक साथ सलामी देते हैं। यह उनकी कड़ी मेहनत और प्रशिक्षण का परिणाम होता है।
 
12. फ्लाईपास्ट (Flypast): यह वायु सेना का मुख्य आकर्षण होता है। विभिन्न प्रकार के लड़ाकू विमान (जैसे राफेल, सुखोई), परिवहन विमान (जैसे सी-17 ग्लोबमास्टर), और हेलीकॉप्टर (जैसे अपाचे, चिनूक) आकाश में विभिन्न फॉर्मेशन में उड़ान भरते हैं। ये फॉर्मेशन देखने में बहुत ही सुंदर और प्रभावशाली होते हैं। कुछ प्रसिद्ध फॉर्मेशन हैं:
 
13. ध्वज: इस फॉर्मेशन में चार Mi-17 IV हेलीकॉप्टर भारतीय ध्वज के रंगों में उड़ान भरते हैं। अजय, सतलुज, कटार, बाज, रक्षक, अर्जुन, वरुण, नेत्र और भीम: ये विभिन्न प्रकार के विमानों द्वारा बनाए गए अन्य फॉर्मेशन हैं, जो अपनी गति और कलाबाजियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं।ALSO READ: Republic Day परेड में इस बार Dhruv और Tejas नहीं आएंगे नजर, जानिए क्‍या है कारण...
 
14. हवाई कलाबाजियां (Aerobatics): कुछ विमान आकाश में हैरतअंगेज कलाबाजियां भी करते हैं, जैसे लूप, रोल, और इम्मेलमैन टर्न। ये प्रदर्शन दर्शकों को रोमांचित कर देते हैं।
 
15. मार्चिंग टुकड़ी (Marching Contingent): वायु सेना के जवान भी थल सेना और नौसेना के साथ परेड में भाग लेते हैं। वे एक विशेष ताल और गति में कदम से कदम मिलाकर चलते हैं, जो उनके अनुशासन और समन्वय को दर्शाता है।
 
16. बैंड प्रदर्शन (Band Display): वायु सेना का बैंड अपनी धुनों से परेड में जोश और उत्साह भर देता है। वे देशभक्ति के गीत और मार्चिंग धुनें बजाते हैं।
 
17. महिला पायलटों की भागीदारी: हाल के वर्षों में, वायु सेना की महिला पायलटों ने भी फ्लाईपास्ट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वे विभिन्न प्रकार के विमानों को उड़ाती हैं और अपनी दक्षता का प्रदर्शन करती हैं।
 
18. फ्लाईपास्ट की तैयारी: फ्लाईपास्ट की तैयारी कई महीनों पहले शुरू हो जाती है, जिसमें पायलटों को कड़ी ट्रेनिंग दी जाती है। फ्लाईपास्ट में भाग लेने वाले विमानों का चयन उनकी तकनीकी क्षमता, प्रदर्शन, और दृश्यता के आधार पर किया जाता है। फ्लाईपास्ट को देखने के लिए लाखों लोग राजपथ पर जमा होते हैं और करोड़ों लोग टेलीविजन पर इसका सीधा प्रसारण देखते हैं। गणतंत्र दिवस पर वायुसेना का प्रदर्शन देश की सैन्य शक्ति, तकनीकी प्रगति, और देशभक्ति का प्रतीक है। यह देश के लोगों के लिए गर्व और प्रेरणा का स्रोत है।ALSO READ: देखना चाहते हैं गणतंत्र दिवस की परेड, जानिए कहाँ से खरीदें टिकट
 
उदाहरण के लिए, 2025 के गणतंत्र दिवस परेड में, राफेल सहित भारतीय वायु सेना के 40 विमानों ने शानदार हवाई प्रदर्शन किया। हालांकि, ALH ध्रुव और तेजस विमान इस बार फ्लाईपास्ट में शामिल नहीं थे। इसके अलावा, तीनों सेनाओं (थल सेना, नौसेना और वायु सेना) की एक संयुक्त झांकी भी पहली बार प्रदर्शित की गई, जिसमें स्वदेशी अर्जुन टैंक, तेजस लड़ाकू विमान और उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर शामिल थे।

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