Who received first Bharat Ratan : भारत रत्न भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। यह सम्मान किसी व्यक्ति को उसके जीवन भर के योगदान, विशेषकर कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा या खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है। यह सम्मान भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया जाता है।
पहला भारत रत्न किसे मिला था?
भारत रत्न की स्थापना 2 जनवरी, 1954 को हुई थी। पहला भारत रत्न डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन और सी. राजगोपालाचारी को संयुक्त रूप से प्रदान किया गया था। डॉ. राधाकृष्णन भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति थे, जबकि सी. राजगोपालाचारी स्वतंत्र भारत के पहले भारतीय गवर्नर-जनरल थे।
भारत रत्न के नियम
• पात्रता: भारत रत्न सम्मान के लिए कोई विशेष योग्यता या उम्र की सीमा नहीं है। कोई भी भारतीय नागरिक या विदेशी नागरिक जिन्होंने भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया हो, इस सम्मान के लिए पात्र हैं।
• सिफारिश: भारत रत्न के लिए सिफारिश प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रपति को की जाती है। • संख्या: एक वर्ष में अधिकतम तीन व्यक्तियों को भारत रत्न दिया जा सकता है।
• मरणोपरांत: 1955 से पहले यह सम्मान केवल जीवित व्यक्तियों को ही दिया जाता था। 1955 के बाद से मरणोपरांत भी यह सम्मान दिया जाने लगा।
• सम्मान: भारत रत्न प्राप्तकर्ता को एक प्रमाण पत्र और एक पदक दिया जाता है। इस सम्मान के साथ कोई नकद पुरस्कार नहीं दिया जाता है।
• उपयोग: भारत रत्न प्राप्तकर्ता अपने नाम के आगे या पीछे 'भारत रत्न' का उपयोग नहीं कर सकते हैं।
भारत रत्न प्राप्त करने के लिए क्या आवश्यक है?
भारत रत्न प्राप्त करने के लिए किसी व्यक्ति को निम्नलिखित योगदानों में से किसी एक में उत्कृष्ट योगदान देना चाहिए:
• कला: चित्रकला, संगीत, नृत्य, आदि।
• साहित्य: लेखन, कविता, आदि।
• विज्ञान: भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, आदि।
• सार्वजनिक सेवा: राजनीति, सामाजिक कार्य, आदि।
• खेल: खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन।