राष्ट्रपति ने लालकृष्ण आडवाणी को घर जाकर दिया भारत रत्न
रविवार, 31 मार्च 2024 (12:40 IST)
Bharat ratna to Advani : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने रविवार को देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री और दिग्गज बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया।
राष्ट्रपति आज सुबह आडवाणी के घर पहुंची और उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने पूर्व उप प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से अलंकृत किया। #LalKrishnaAdvani के आवास पर जाकर उन्हें यह सम्मान प्रदान किया गया। #BharatRatnaAwardspic.twitter.com/XxJiLwyT5P
इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को यहां राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में पूर्व प्रधानमंत्रियों पी वी नरसिम्हा राव और चौधरी चरण सिंह, कृषि मंत्री एम एस स्वामीनाथन तथा बिहार के दो बार मुख्यमंत्री रहे कर्पूरी ठाकुर को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न मरणोपरांत प्रदान किया।
पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के लिए मुर्मू से यह सम्मान उनके पुत्र पी वी प्रभाकर राव ने स्वीकार किया। चौधरी चरण सिंह के लिए उनके पोते और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने राष्ट्रपति से यह सम्मान स्वीकार किया।
स्वामीनाथन की ओर से उनकी बेटी नित्या राव और कर्पूरी ठाकुर की ओर से उनके बेटे रामनाथ ठाकुर ने राष्ट्रपति मुर्मू से यह पुरस्कार लिया।
क्या है भारत रत्न : भारत रत्न भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है और यह सम्मान असाधारण राष्ट्रीय सेवा के लिए प्रदान किया जाता है। इन सेवाओं में कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल शामिल है। पहले इसमें खेल को शामिल नहीं किया गया था लेकिन बाद में इसे सूची में शामिल किया गया है। इस सम्मान की स्थापना 2 जनवरी 1954 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद द्वारा की गई थी। एक वर्ष में अधिकतम तीन व्यक्तियों को ही 'भारत रत्न' दिया जा सकता है।
कैसी है इसकी डिजाइन : पहले मूल रूप में इस सम्मान के पदक का डिजाइन 35 मिमी गोलाकार स्वर्ण मैडल था जिसमें सामने सूर्य बना था, ऊपर हिन्दी में भारत रत्न लिखा था और नीचे पुष्पहार था और पीछे की तरफ राष्ट्रीय चिह्न और ध्येय वाक्य (मोटो) लिखा होता था। बाद में इस पदक के डिज़ाइन को बदल कर तांबे के बने पीपल के पत्ते पर प्लेटिनम का चमकता सूर्य बना दिया गया। इसके नीचे चांदी में लिखा रहता है- 'भारत रत्न' और यह सफेद फीते के साथ गले में पहना जाता है।
14 लोगों को मरणोपरांत मिला भारत रत्न : इस सम्मान को भी नाम के साथ पदवी के रूप में प्रयुक्त नहीं किया जा सकता। प्रारंभ में इस सम्मान को मरणोपरांत देने का प्रावधान नहीं था, लेकिन वर्ष 1955 में बाद में यह प्रावधान जोड़ा गया। इसके चलते यह सम्मान लोगों को मरणोपरांत भी दिया जाने लगा है। अब तक 14 व्यक्तियों को यह सम्मान मरणोपरांत प्रदान किया गया है।
53 लोगों को मिला भारत रत्न : सरकार ने अब तक 53 लोगों को भारत रत्न से सम्मानित किया है। सबसे पहले 1954 में चक्रवर्ती राजगोपालाचारी को भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। इस सूची में समाज के हर क्षेत्र के लोग शामिल हैं। सचिन तेंडुलकर एकमात्र खिलाड़ी हैं जिन्हें यह सम्मान दिया गया। 2024 में पहली बार एक साथ 5 लोगों को यह सम्मान दिया गया।
सुभाष चंद्र बोस से क्यों वापस लिया सम्मान : 1992 में नेताजी सुभाषचन्द्र बोस को भारत रत्न से मरणोपरांत सम्मानित किया गया था, लेकिन उनकी मृत्यु विवादित होने के कारण पुरस्कार के मरणोपरांतस्वरूप को लेकर प्रश्न उठाया गया था, इसीलिए भारत सरकार ने यह सम्मान वापस ले लिया। उक्त सम्मान वापस लिए जाने का यह एकमेव उदाहरण है।
मौलाना अबुल कलाम आजाद ने क्यों नहीं लिया था भारत रत्न : भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद को जब भारत रत्न देने की बात आई तो उन्होंने जोर देकर मना कर दिया, कारण कि जो लोग इसकी चयन समिति में रहे हों, उनको यह सम्मान नहीं दिया जाना चाहिए। बाद में 1992 में उन्हें मरणोपरांत दिया गया।
Edited by : Nrapendra Gupta