तुमसे अलग होने के बाद

फाल्गुनी

बहुउन्मुक्त
बेहद सहज
और खूब प्रफुल्लित हूँ मैं
तुमसे अलग होने के बाद
अब ये और बात है कि
कविताओं में
तुम्हारा जिक्र आ जाता है।
और आँखें
धुँधला जाती हैं
फिर भी बहुत खुश हूँ मैं

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