न्यू जर्सी। प्यार को लेकर दुनिया में प्रेमियों और वैज्ञानिकों की राय अलग-अलग हो सकती है। अब सोचिए, डॉक्टरों का कहना है कि 'पहली ही नजर में होने वाला प्यार' कोई प्यार नहीं बीमारी है जिसकी जड़ें आपके दिमाग में होती हैं।
जानकारों का कहना है कि दरअसल प्यार होना एक धीमी प्रक्रिया है और कम से कम चार बार देखे जाने के बाद महसूस किया जा सकता है। लेकिन जिन्हें लगता है कि उन्हें पहली ही नजर में प्यार हो जाता है तो जान लें, यह प्यार नहीं वरन एक बीमारी है जिसे 'लव एट फर्स्ट साइट सिंड्रोम' कहा जाता है।
इतना ही नहीं, डॉक्टरों ने तो इस बीमारी के कम से कम 11 लक्षण गिनाए हैं, इन लक्षणों से आप समझ सकते हैं कि वास्तव में आपका प्यार कैसा है और कहीं आप किसी बीमारी की चपेट में तो नहीं हैं।
1. जो लोग पहली ही नजर के प्यार में पड़ जाते हैं तो ऐसे लोग कुछ ज्यादा ही रोमांटिक होते हैं। ऐसे लोगों के बारे में कहा जा सकता है कि इन्हें कभी भी और कहीं भी प्यार हो सकता है और यह प्यार तुरत फुरत और इंस्टेंट होता है लेकिन जब यह गायब होता है तो जैसे गधे के सर से सींग। अगर आप ऐसे नहीं हैं तो आप 'होपलेस रोमांटिक' नहीं हैं।
2. इस मनोवैज्ञानिक विकार का दूसरा लक्षण यह है कि ये लोग या तो किसी के बारे में बहुत ज्यादा ही फील करते हैं या बिलकुल फील नहीं करते। इनके लिए इसके बीच की कोई फीलिंग्स नहीं होतीं हैं। कभी-कभी या समय-समय पर प्यार का अनुभव होना आपको मुश्किल होता है।
3.आश्चर्य की बात यह भी है कि ऐसे घनघोर प्रेमियों को 'एक समय पर एक ही इंसान पर क्रश' होता है। ऐसे लोग बहुत सारे लोगों से भी एक साथ प्यार का अहसास नहीं कर पाते हैं क्योंकि इससे इनके दिमाग में भावनात्मक 'ओवरलोड' हो जाता है और जिसे ये झेल नहीं पाते हैं।
4. इन्हें किसी खास टाइप के लोगों से ही प्यार नहीं होता। इन्हें हर किसी से भी प्यार हो सकता है। क्यों हो जाता है, अगर आप पूछेंगे तो इनका उत्तर होगा कि अपने आप 'बस हो जाता है।'
5. इन्हें कैजुअल (एकाएक या अचानक होने वाले) रिश्ते पसंद नहीं होते हैं। इनके कैजुअल रिलेशनशिप होते ही नहीं हैं। दरअसल इनकी फीलिंग्स इतनी ज्यादा होती हैं कि रिश्ता कैजुअल रह ही नहीं पता। ऐसे लोग डेटिंग जैसी किसी प्रक्रिया में विश्वास नहीं करते हैं।
6. इन्हें कभी किसी दोस्त से प्यार नहीं होता। इनकी दोस्ती प्यार में नहीं बदलती है या फिर दोस्ती से प्यार तक का सफर नहीं होता है।
7. ऐसे लोग सोचते बहुत ज्यादा हैं और भले यह सोच रोमांस से ही संबंधित क्यों न हो।
8. ये लोग भविष्य को लेकर बहुत सोचते हैं। इनके दिमाग में चलता रहता है कि जो अभी कर रहे हैं, उसका आगे क्या परिणाम होगा। ये अपने क्रश के साथ भी अपना भविष्य सोचने लगते हैं।
9. ये इंसान के बारे में जो धारणा बना लेते हैं, उसी धारणा के अनुसार उसे प्यार करने लगते हैं। कई बार इंसान ऐसा नहीं निकलता जैसा ये सोचते हैं। इस तरह ये सच्चाई को नजरंदाज कर देते हैं और इस तरह खुद की विचार शक्ति को नजरअंदाज करना ठीक नहीं होता है।
10. जब सब कुछ ठीक नहीं रहता, तो इन्हें बहुत निराशा होती है, क्योंकि ये पहले ही बहुत से सपने सजा चुके होते हैं।
11. बुरे अनुभव भी प्यार से इनका भरोसा नहीं उठाते। ये बस मान लेते हैं कि वह इंसान ही गलत था। इन्हें पता होता है कि ये किसी को आगे भी बहुत प्यार दे सकते हैं।