उन्होंने कहा कि हर मुश्किल वक्त में मुंह फेरना और चुप्पी साधना मोदी सरकार की आदत बन गई है। 20 हज़ार भारतीय युवा यूक्रेन में भय, आशंका और जीवन पर ख़तरे की स्थिति से जूझने को मजबूर हैं। समय रहते उन्हें सकुशल लाने का इंतजाम क्यों नहीं किया गया है।
उल्लेखनीय है कि 2015 में जब सुषमा स्वराज विदेश मंत्री थीं, तब यमन में युद्ध जैसे हालात बन गए थे और यमन सरकार और विद्रोहियों में जंग छिड़ गई थी। उन हालातों में हजारों भारतीय जिंदगी और मौत के बीच फंस गए थे। वहां फंसे भारतीयों ने भारत सरकार से मदद मांगी।