ब्रसेल्स। यूरोपीय संघ (ईयू) ने कहा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध से आर्थिक पुनरुद्धार पर प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका है। इससे ईयू के सदस्य देशों में इस साल निम्न आर्थिक वृद्धि दर के साथ महंगाई रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने का अनुमान है। युद्ध के कारण ऊर्जा और खाद्य कीमतों के दाम बढ़े हैं। इससे महंगाई में तेजी से वृद्धि हुई है।
एक अनुमान के अनुसार, 19 सदस्यीय यूरो क्षेत्र में मुद्रास्फीति इस साल औसतन 7.6 प्रतिशत पर पहुंचने का अनुमान है। यह पिछले अनुमान 6.1 प्रतिशत के मुकाबले काफी अधिक है। पिछले महीने उपभोक्ता कीमतों में सालाना आधार पर 8.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। वहीं आर्थिक वृद्धि दर 0.1 प्रतिशत घटकर 2.6 प्रतिशत पर आने की संभावना है, जबकि पिछले साल आर्थिक वृद्धि दर 5.3 प्रतिशत रही थी।
यूरोपीय संघ (ईयू) के उपाध्यक्ष वाल्डिस डोम्ब्रोवस्की ने कहा, रूस-यूक्रेन युद्ध से यूरोप और हमारी अर्थव्यवस्था पर दीर्घकालीन प्रतिकूल असर पड़ेगा।युद्ध के कारण ऊर्जा और खाद्य कीमतों के दाम बढ़े हैं। इससे महंगाई में तेजी से वृद्धि हुई है और इसके कारण आर्थिक वृद्धि तथा उपभोक्ताओं का विश्वास प्रभावित हुआ है।
ऐसी आशंका है कि अगर रूस प्राकृतिक गैस की आपूर्ति को और कम कर देता है या पूरी तरह से बंद कर देता है, तो ऊर्जा संकट की स्थिति और बिगड़ सकती है। यूरोपीय संघ ने बयान में कहा, आर्थिक गतिविधियों और मुद्रास्फीति के समक्ष युद्ध की स्थिति के कारण जोखिम है। विशेष रूप से यूरोप को होने वाली गैस आपूर्ति पर अगर इसका प्रभाव बढ़ता है, तो जोखिम बढ़ेगा।
बयान के अनुसार, ऊर्जा के ऊंचे दाम और रिकॉर्ड महंगाई दर एक और कठिन साल का संकेत है। हाल में कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 मामलों में वृद्धि स्थिति को और बदतर बना रही है। यूरोपीय संघ के अनुसार, क्षेत्र में महामारी बढ़ने से अर्थव्यवस्था के समक्ष नई समस्याएं पैदा होंगी।(भाषा)