यूक्रेन में अपने पालतू तेंदुए और जगुआर के साथ फंसे भारतीय डॉक्टर, कहा- मर जाऊंगा लेकिन इन्हें अकेला छोड़ वतन नहीं लौटूंगा
मंगलवार, 8 मार्च 2022 (16:36 IST)
सभी फोटो: सोशल मीडिया
यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों का एक मानवीय पक्ष लगातार यह सामने आ रहा है कि वे अपने पेट (पालतू जानवरों) को यूक्रेन में छोड़कर नहीं आना चाहते हैं। ऐसी कई मिसालें सामने आई हैं। ऐसी ही एक मिसाल सामने आई है, जिसमें एक शख्स अपने तेंदुए और जैगुआर के साथ ही अपने वतन लौटना चाहता है।
यूक्रेन के डोनबास में फंसा यह शख्स डॉक्टर है वहां फंसा हुआ है। इनका नाम गिरिकुमार पाटिल हैं। वे कीव में अकेले नहीं, बल्कि उनके साथ उनके पालतू तेंदुए और जैगुआर भी रहते हैं।
जहां हर कोई अपनी जान बचाने के लिए यूक्रेन से भाग रहा है, वहीं पाटिल का कहना है वे अपने दोस्त जैगुआर और तेंदुए को साथ लिए बिना वतन नहीं लौटेंगे।
जान बचाने के लिए छिपे हैं बंकर में
लगातार हो रही बमबारी और मिसाइलों के बीच कई लोग बंकरों में छिपकर अपनी जान बचा रहे हैं। ऐसे में पाटिल भी करीब एक हफ्ते से घर के बेसमेंट में अपने तेंदुए और जैगुआर के साथ छिपे हैं।
पाटिल का कहना है कि उन्होंने इन्हें अपने बच्चों की तरह पाला है। उन्होंने दोनों को 20 महीने पहले कीव के जू से खरीदा था। तब से दोनों साथ में ही रहते, खाते पीते और सोते हैं। ऐसे में मैं अपनी जान बचाने के लिए अकेला कैसे भाग सकता हूं।
पाटिल मीडिया को बताया कि मैंने भारतीय दूतावास को फोन कर मदद मांगी, लेकन कोई पॉजिटिव रिस्पॉन्स नहीं मिला, कोई मदद सामने नहीं आ रही है।
2007 में पढ़ाई करने चले गए थे यूक्रेन बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार पाटिल आंध्र प्रदेश के पश्चिमी गोदावरी जिले के तनुकु के रहने वाले हैं और साल 2007 में वह यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने चले गए थे और बीते 6 साल से ज्यादा समय से वह यूक्रेन में डोनबास के छोटे से शहर रेवेरोदोनेत्स्क में रह रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार उनका जगुआर बीस साल का नर है, जबकि तेंदुआ एक मादा है जो 6 महीने की है।
वे Jaguar Kumar Telugu' नाम से एक यूट्यूब चैनल चलाते हैं। 40 वर्षीय पाटिल ने कहा कि लड़ाई छिड़ने के बाद वह केवल अपने पालतू जानवरों के लिए खाना खरीदने के लिए ही बाहर निकल रहे हैं। चारों तरफ बमबारी हो रही है, ऐसे में ये पालतू जानवर डर रहे हैं और मैं इन्हें किसी भी कीमत पर अकेला नहीं छोड़ सकता। उन्होंने कहा कि मेरे माता-पिता मुझे लगातार फोन कर रहे है। इस बार की लड़ाई से में बेहद चिंतित हूं, लेकिन में अपने पालतू जानवरों को छोड़ नहीं सकता।