प्रत्येक युग में अलग होती है मनुष्य की लंबाई, जानिए कितनी

बुधवार, 7 जून 2017 (11:48 IST)
हिंदू धर्म में युग शब्द के अलग-अलग अर्थ है। उल्लेखनीय है कि आपने सुना ही होगा मध्ययुग, आधुनिक युग, वर्तमान युग जैसे अन्य शब्दों को। इसका मतलब यह कि युग शब्द को कई अर्थों में प्रयुक्त किया जाता रहा है।
 
ज्योतिषानुसार 5 वर्ष का एक युग होता है। संवत्सर, परिवत्सर, इद्वत्सर, अनुवत्सर और युगवत्सर ये युगात्मक 5 वर्ष कहे जाते हैं। बृहस्पति की गति के अनुसार प्रभव आदि 60 वर्षों में 12 युग होते हैं तथा प्रत्येक युग में 5-5 वत्सर होते हैं। 12 युगों के नाम हैं- प्रजापति, धाता, वृष, व्यय, खर, दुर्मुख, प्लव, पराभव, रोधकृत, अनल, दुर्मति और क्षय। प्रत्येक युग के जो 5 वत्सर हैं, उनमें से प्रथम का नाम संवत्सर है। दूसरा परिवत्सर, तीसरा इद्वत्सर, चौथा अनुवत्सर और 5वां युगवत्सर है।

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दूसरी ओर, पौराणिक मान्यता अनुसार एक युग लाखों वर्ष का होता है, जैसा कि सतयुग लगभग 17 लाख 28 हजार वर्ष, त्रेतायुग 12 लाख 96 हजार वर्ष, द्वापर युग 8 लाख 64 हजार वर्ष और कलियुग 4 लाख 32 हजार वर्ष का बताया गया है। उक्त युगों के भीतर ही यह चार तरह के युगों का क्रम भी होता है। अर्थात कलियुग में ही सतयुग का एक दौर आएगा, उसी में त्रैता और द्वापर भी होगा। हम यहां प्रस्तुत कर रहे हैं इसी पौराणिक मान्यता के अनुसार किस युग में मनुष्य की लंबाई कितनी होती है, जानिए...
 
1.सतयुग : सतयुग में मनुष्य की लंबाई 32 फिट अर्थात लगभग 21 हाथ बतायी गई है।
2.त्रेतायुग : त्रेतायुग में मनुष्य की लंबाई 21 फिट अर्थात लगभग 14 हाथ बतायी गई है।
3.द्वापर :  द्वापरयुग में मनुष्य की लंबाई 11 फिट अर्थात लगभग 7 हाथ बतायी गई है।
4.कलियुग : कलियुग में मनुष्य की लंबाई 5 फिट 5 इंच अर्थात लगभग साढ़े तीन हाथ बतायी गई है।

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