कहां जन्म लेंगे भगवान कल्कि? क्या काम करेंगे?

WD Feature Desk

सोमवार, 1 जुलाई 2024 (17:46 IST)
What will Kalki avatar do: हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु अपने 10वें अवतार के रूम में कल्कि नाम से जन्म लेंगे। कल्कि भगवान को लेकर इस समय सोशल मीडिया पर कई बातें वायरल हो रही है। इस सब्जेक्ट पर 2 फिल्में भी बन गई है। हाल ही में कल्कि 2898 मूवी रिलीज हुई है। आओ जानते हैं कि भगवान कल्कि कहां जन्म लेंगे और क्या करेंगे।ALSO READ: दुनियाभर में चला कल्कि 2898 एडी का जादू, फिल्म ने पहले वीकेंड किया इतना वर्ल्डवाइड कलेक्शन
 
कहां जन्म लेंगे भगवान कल्कि?
  1. पुराणों के अनुसार संभल नामक स्थान पर विष्णुयक्ष नामक तपस्वी ब्राह्मण के घर भगवान कल्कि पुत्र रूप में जन्म लेंगे।
  2. संभल नामक गांव भारत में कई प्रदेशों में है। उत्तर प्रदेश, राजस्थान, ओड़िसा और छत्तीसगढ़।
  3. तिब्बत में भी एक संभल ग्राम है। कुछ लोगों के अनुसार वहां पर कल्कि का जन्म हो चुका है और वे जल्द ही सामने आएंगे।
  4. कुछ लोगों के अनुसार जब ओड़िशा में स्थित अच्युतानंद महाराज की समाधि से उनके पास लगा बरगद का वृक्ष की जटाएं छू लेंगी तब वह संभल ग्राम में जन्म लेंगे।
  5. कई लोग इसे उत्तर प्रदेश का गांव मानते हैं जबकि ओड़िसा में भी एक संभल नामक प्रसिद्ध स्थान है।
  6. स्कंद पुराण के दशम अध्याय में स्पष्ट वर्णित है कि कलियुग में भगवान श्रीविष्णु का अवतार श्रीकल्कि के रुप में सम्भल ग्राम में होगा।
उत्तर प्रदेश का संभाल ग्राम : कल्कि अवतार के नाम पर वर्तमान में उत्तर प्रदेश के ग्राम संभल में एक मंदिर बना हुआ है। इसी मंदिर को अब भव्य स्वरूप दिए जा रहा है। उनके भजन, आरती और चालीसा भी बन चुके हैं। उनके नाम पर फंड भी एकत्रित किया जाता है।ALSO READ: पुष्पा और श्रीवल्ली को पसंद आई कल्कि 2898 एडी, अल्लू अर्जुन-रश्मिका मंदाना ने जमकर की तारीफ
 
राजस्थान का कल्कि मंदिर : राजस्थान, मध्यप्रदेश और गुजरात की त्रिवेणी संगम स्थल राजस्थान के वांगड़ अंचल (दक्षिण में जनजाति बहुल बांसवाड़ा एवं डूंगरपुर जिले में) के डूंगरपुर जिले के साबला गांव में हरि मंदिर है जहां कल्कि अवतार की पूजा हो रही है। हरि मंदिर के गर्भगृह में श्याम रंग की अश्वारूढ़ निष्कलंक मूर्ति है, जो लाखों भक्तों की श्रद्धा और विश्वास का केंद्र है। भगवान के भावी अवतार निष्कलंक भगवान की यह अद्भुत मूर्ति घोड़े पर सवार है। इस घोड़े के तीन पैर भूमि पर टिके हुए हैं जबकि एक पैर सतह से थोड़ा ऊंचा है। मान्यता है कि यह पैर धीरे-धीरे भूमि की तरफ झुकने लगा है। जब यह पैर पूरी तरह जमीन पर टिक जाएगा तब दुनिया में परिवर्तन का दौर आरंभ हो जाएगा। संत मावजी रचित ग्रंथों एवं वाणी में इसे स्पष्ट किया गया है।
 
ओड़िसा का संभलपुर ग्राम : एक संभलपुर उड़ीसा में भी है, यहां भी मां संभलेश्वरी देवी का मंदिर है। यहां पर श्रीहरि विष्णु के अवतार लेने की प्रार्थना की जाती है। यहां पर भी कल्कि धाम बना हुआ है।
 
क्या करेंगे भगवान कल्कि?
  1. कल्कि भगवान देवदत्त नामक घोड़े पर सवार होकर संसार से पापियों का विनाश करेंगे और धर्म की पुन:स्थापना करेंगे।
  2. अग्नि पुराण के सौलहवें अध्याय में कल्कि अवतार का चित्रण तीर-कमान धारण किए हुए एक घुड़सवार के रूप में किया हैं और वे भविष्य में होंगे।
  3. कल्कि पुराण के अनुसार वह हाथ में चमचमाती हुई तलवार लिए सफेद घोड़े पर सवार होकर, युद्ध और विजय के लिए निकलेगा तथा म्लेच्छों को पराजित करके सनातन राज्य स्थापित करेगा।

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