प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर केरल

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केरल को प्रकृति ने अपनी असीम खूबसूरती से नवाजा है। खूशबूदार मसालों के लिए जाना जाने वाला केरल राज्य अपने खूबसूरत सागर किनारों व हरियाली के सुंदर नजारों के लिए भी प्रसिद्ध है। सफेद रेत और दूर-दूर तक फैला असीम सागर केरल को और भी अधिक खूबसूरत बना देता है।

अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सुगंधित मसालों के साथ-साथ केरल औषधियों के लिए भी लोकप्रिय है। यह भारत का एकमात्र ऐसा राज्य है, जो आयुर्वेद के मुख्य केंद्र के रूप में विकसित हो रहा है। देश-विदेश से लोग यहाँ आयुर्वेदिक उपचार का फायदा उठाने आते हैं।

केरल के समुद्र तट :-
केरल के समुद्र तटों में चुआरा बीच, बेकल बीच, कोवलम बीच, मरूदेश्वर बीच, वर्कला बीच, शांघमुघम बीच आदि हैं।
  यह भारत का एकमात्र ऐसा राज्य है, जो आयुर्वेद के मुख्य केंद्र के रूप में विकसित हो रहा है। देश-विदेश से लोग यहाँ आयुर्वेदिक उपचार का फायदा उठाने आते हैं।      
कोवलम बीच :-
यह केरल के खूबसूरत समुद्र तटों में से एक है। केरल तट रेखा पर यह मालाबार नाम के छोटे से गाँव पर स्थित है। यहाँ अर्धचंद्र के आकार में तीन खूबसूरत समुद्र तट हैं।

इसका दक्षिणी छोर 'लाइट हाउस' के नाम से प्रसिद्ध है। कोवलम बीच पर आपको हर प्रकार के बजट में आसानी से रहने की सुविधा मिल जाएगी।

समुद्र तट के किनारे स्थित नारियल व ताड़ के पेड़ आपकी शाम को एक यादगार शाम बना देंगे। वर्तमान में कोवलम एक बेहतर बीच रिसॉर्ट और योग एवं स्वास्थ्य केंद्र के रूप में भी अपनी पहचान बना रहा है। यहाँ आप आयुर्वेदिक तेल मालिश व एरोमा बॉथ का लुत्फ भी उठा सकते हैं।

वर्कला पापानासम बीच :-
यह केरल का एक ऐसा बीच है, जहाँ अपेक्षाकृत कम संख्या में पर्यटक आते हैं परंतु यहाँ का सूर्यास्त व दूर-दूर तक फैली अथाह जलराशि के छोर पर क्षितिज का लुभावना दृश्य प्रकृति प्रेमियों को यहाँ खींच लाता है। तिरुअनंतपुरम से इसकी दूरी लगभग 42 किमी है। यहाँ स्थित जर्नादन व अय्यपा मंदिर पर्यटकों के लिए अच्छे दर्शनीय स्थल हैं।

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केरल के नेशनल पार्क :-
प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर केरल वन्यजीवों की आरामगाह के रूप में भी प्रसिद्ध है। हरियाली से लदे केरल के जंगलों में आपको कई ऐसे वन्यजीव देखने को मिल जाएँगे, जो दुलर्भ हैं। केरल में कई छोटे-बड़े नेशनल पार्क हैं, जिनमें इर्रावीकुलम नेशनल पार्क, पेरियार नेशनल पार्क, साइलेंट वैली नेशनल पार्क आदि प्रमुख हैं।

इर्रावीकुलम नेशनल पार्क :-
मुख्य रूप से 'नीलगाय तराह' के संरक्षण के लिए स्थापित किया गया यह नेशनल पार्क केरल और तमिलनाडु की सीमा पर स्थित है। नीलगाय तराह एक दुर्लभ पशु है, जो कि हिमालय के ठंडे इलाकों में ही पाया जाता है। पेड़-पौधों से भरपूर इस वन्यजीव पार्क को वर्ष 1978 में नेशनल पार्क का दर्जा मिला। इसके उत्तरी सिरे को, जो ‍तमिलनाडु राज्य को छूता है, उसे अन्नामलाई के नाम से जाना जाता है।

  समुद्र तट के किनारे स्थित नारियल व ताड़ के पेड़ आपकी शाम को एक यादगार शाम बना देंगे। वर्तमान में कोवलम एक बेहतर बीच रिसॉर्ट और योग एवं स्वास्थ्य केंद्र के रूप में भी अपनी पहचान बना रहा है।      
पेरियार नेशनल पार्क :-
यह केरल के पश्चिमी छोर पर स्थित है। यह बाघ के संरक्षण के लिए बनाया गया नेशनल पार्क है, जो कि दुनियाभर के नेशनल पार्क में अपना एक मुख्य स्थान रखता है। सन् 1895 में इसे अँग्रेजों द्वारा अधिगृहीत किया गया था। उस वक्त उन्होंने यहाँ एक कृत्रिम झील और बाँध का निर्माण किया था।

साइलेंट वैली नेशनल पार्क :-
यह नेशनल पार्क केरल के पश्चिमी छोर पर कुंडलई हिल्स पर स्थित है। मुख्य रूप से औषधि और पेड़-पौधों की कई दुर्लभ किस्मों के साथ-साथ हाथी, बाघ और शेर पूँछ वानर जैसे जीवों के कारण यह पार्क प्रसिद्ध है। हालाँकि यह बहुत ही छोटा है परंतु यहाँ का अनुकूल वातावरण तथा छोटी-बड़ी नदियाँ व पहाड़ इसे वन्यजीवों के लिए आरामगाह बनाते हैं।

वयनाड वाइल्ड लाइफ सेन्च्युरी :-
यह सेन्च्युरी बाघ और तेंदुए के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। यह बाँदीपुर नेशनल पार्क का ही एक हिस्सा है।

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केरल में और भी बहुत कुछ :-
मुन्नार, इड्डुकी, लक्कडी, मंगलम बाँध, पेरीमेड, देवीकुलम आदि हिल स्टेशन हैं। केरल के प्रमुख स्मारक बोलघट्टी पैलेस, कोईक्कल पैलेस, कृष्णापुरम महल, कुथिरामलिका, द चित्रा आर्ट गैलेरी, सेंट फ्रांसिस चर्च, टाउन हॉल आदि प्रमुख स्मारक हैं।

किस मौसम में जाएँ केरल :-
सितम्बर से फरवरी माह तक केरल का मौसम बहु‍त ही अनुकूल रहता है। इस मौसम में यहाँ हजारों की संख्या में पर्यटक आते हैं।

पर्यटकों के लिए केरल सुंदर प्राकृतिक नजारों से परिपूर्ण वह स्थान है, जहाँ आकर उन्हें एक असीम शांति का अनुभव होता है। यहाँ के समुद्र तटों के किनारे बिताई सुहानी शाम आपकी यात्रा के अनुभवों को यादगार बनाएगी।