Kojagari Purnima Kheer 2025: शरद पूर्णिमा की खीर का आयुर्वेद के अनुसार अच्छे स्वास्थ्य हेतु और वैज्ञानिक महत्व भी माना गया है। ज्योतिष के अनुसार, चांदनी रात में रखी खीर में चंद्रमा की किरणों से विशेष गुण आ जाते हैं। इसी कारण यह खीर पाचन तंत्र को मजबूत करने और रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायक मानी जाती है। इस संबंध मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात इस खीर का सेवन करने से श्वास/ दमा संबंधी रोगों और त्वचा रोगों में भी लाभ मिलता है।ALSO READ: कोजागिरी शरद पूर्णिमा व्रत पर पढ़ें पौराणिक कथा
शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा भी कहते हैं। इस संबंध में ऐसी मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है और उसकी किरणें अमृत के समान होती हैं। खीर को रात भर चंद्रमा की रोशनी में खुले आसमान के नीचे रखने से, इन किरणों के औषधीय और अमृत तुल्य गुण खीर में समा जाते हैं।
शरद पूर्णिमा की खीर बनाने की विधि: शरद पूर्णिमा की खीर पारंपरिक रूप से चावल और दूध से बनाई जाती है।
आवश्यक सामग्री
- दूध (फुल क्रीम): 1 से 1.5 लीटर
- खीर वाले या बासमती चावल : लगभग 50-100 ग्राम (1/2 कप)
1. तैयारी: चावल को धोकर कम से कम 1/2 घंटा पहले भिगो दें। थोड़े से गुनगुने दूध में केसर के धागे भिगोकर अलग रख दें। मेवों को बारीक काट लें।
2. चावल भूनना: यदि आप खीर में चावल भूनकर डालना चाहते हैं तो एक पैन में 1 चम्मच घी गर्म करें और भीगे हुए चावलों को हल्का सा यानी 1-2 मिनट भून लें। इससे खीर का स्वाद बढ़ जाता है।
3. दूध उबालना: एक मोटे तले वाले बर्तन में दूध को गरम होने के लिए रखें। जब दूध हल्का गर्म हो जाए तो इसमें भिगोए हुए चावल डालें।
4. पकाना: आंच धीमी कर दें और चावल को दूध में धीरे-धीरे पकने दें। बीच-बीच में चलाते रहें ताकि खीर तले में न लगे। खीर में पानी न डालें।
5. सामग्री मिलाना: जब चावल अच्छी तरह से पक जाएंऔर खीर गाढ़ी होने लगे, तो इसमें केसर वाला दूध, कटे हुए मेवे (थोड़े से सजावट के लिए बचा लें) और इलायची पाउडर डालें।
6. चीनी मिलाना: अंत में, चीनी डालें और अच्छी तरह मिलाएं। चीनी घुलने तक 2-3 मिनट और पकाएं, फिर गैस बंद कर दें।
शरद पूर्णिमा रात चंद्रमा की रोशनी में खीर रखने की विधि:
- खीर को एक साफ चांदी या मिट्टी के बर्तन में रखें।
- शरद पूर्णिमा की रात, इसे खुले आसमान के नीचे और सीधे चंद्रमा की रोशनी में रखें।
- इसे रात भर या कम से कम 3-4 घंटे चांदनी में रहने दें।
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