मुंबई। अमेरिका में फेडरल रिजर्व के ब्याज दर घटाने से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस से फैली महामारी के असर की चिंताओं ने घरेलू शेयर बाजार पर दबाव बढ़ा दिया। इस कारण सोमवार को शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स में 2 हजार अंक से अधिक की गिरावट देखी गई और निफ्टी 9,400 अंक के स्तर से भी नीचे आ गया।
शुरुआती कारोबार में रुपया भी 41 पैसे टूटकर 74.16 रुपए प्रति डॉलर पर आ गया। बीएसई के 30 शेयरों वाले संवेदी सूचकांक सेंसेक्स में पिछले सप्ताह की उथल-पुथल जारी रही। यह 2,004.20 अंक यानी 5.88 प्रतिशत गिरकर 32,099.28 अंक पर चल रहा था।
इसी तरह एनएसई का निफ्टी भी 596.25 अंक यानी 5.99 प्रतिशत की गिरावट के साथ 9,358.95 अंक पर चल रहा था। इससे पहले शुक्रवार को सेंसेक्स 1,325.04 अंक यानी 4.04 प्रतिशत और निफ्टी 365.05 अंक यानी 3.81 प्रतिशत की बढ़त में रहा था। शुक्रवार को सेंसेक्स ने दिवस के निचले स्तर से 5,380 अंक की सुधार दर्ज की थी।
सेंसेक्स की सभी कंपनियां लाल निशान में चल रही थीं। आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी, एक्सिस बैंक, टाइटन, टाटा स्टील और बजाज फाइनेंस के शेयर 12 प्रतिशत तक की गिरावट में चल रहे थे।
कारोबारियों के अनुसार, फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर घटाने से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस के गहरे असर की आशंकाएं मजबूत हो गईं। इसने बाजार की धारणा को कमजोर किया।
फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर घटाने के बाद अमेरिका शेयर बाजार वायदा कारोबार में धराशायी हो गए। फेडरल रिजर्व की इस घोषणा के बाद बैंक ऑफ जापान ने आपातकालीन बैठक बुलाई। इसने भी धारणा पर असर डाला।
कारोबार के दौरान एशियाई बाजारों में जापान का निक्की ही अकेला रहा, जो नहीं टूटा। इसके अलावा चीन का शंघाई कंपोजिट, हांगकांग का हैंगसेंग और दक्षिण कोरिया का कोस्पी 2 प्रतिशत तक की गिरावट में चल रहा था।
कारोबारियों ने कहा कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की निकासी जारी रहने से भी बाजार पर असर पड़ रहा है। प्राथमिक आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने शुक्रवार को घरेलू बाजार से 6,027.58 करोड़ रुपए की शुद्ध निकासी की। इस बीच कच्चा तेल 2.98 प्रतिशत गिरकर 32.84 डॉलर प्रति बैरल पर चल रहा था।