सेंसेक्स 390 अंक टूटा, ब्याज दर बढ़ने की चिंता से बैंक, रियल्टी शेयर नुकसान में
गुरुवार, 13 अक्टूबर 2022 (18:33 IST)
मुंबई। बिकवाली दबाव के कारण बीएसई सेंसेक्स गुरुवार को 390 अंक के नुकसान में रहा। खुदरा महंगाई के पांच महीने के उच्च स्तर पर पहुंचने के साथ नीतिगत दर में वृद्धि को लेकर चिंता के बीच वित्तीय, वाहन और रियल्टी कंपनियों के शेयरों में बिकवाली का सिलसिला चलने से बाजार नीचे आया।
कारोबारियों के अनुसार डॉलर के मुकाबले रुपए के मूल्य में गिरावट और कच्चे तेल के दाम में तेजी से भी बाजार धारणा पर असर पड़ा।
तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 390.58 अंक यानी 0.68 प्रतिशत की गिरावट के साथ 57,235.33 अंक पर बंद हुआ।
इसी प्रकार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 109.25 अंक यानी 0.64 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,014.35 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स के शेयरों में विप्रो सबसे अधिक 7.03 प्रतिशत के नुकसान में रहा। इसके अलावा एसबीआई, एलएंडटी, आईसीआईसीआई बैंक, एशियन पेंट्स, बजाज फाइनेंस, एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी लि. भी नुकसान में रहे।
दूसरी तरफ लाभ में रहने वाले शेयरों में एचसीएल टेक, सन फार्मा, डॉ. रेड्डीज, रिलायंस इंडस्ट्रीज और अल्ट्राटेक सीमेंट शामिल हैं। इनमें 3.19 प्रतिशत तक की तेजी रही।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है। यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिये चिंता का विषय है। इसके अलावा, अगस्त में औद्योगिक उत्पादन में गिरावट का भी असर पड़ा है क्योंकि यह माना जाता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था तमाम चुनौतियों के बावजूद मजबूत बनी हुई है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा अमेरिका में खुदरा महंगाई के आंकड़े जारी होने हैं और जो अनुमान है, उसमें इसके ऊंचा रहने की आशंका है। इससे वैश्विक बाजार में उतार-चढ़ाव आ सकता है।
अमेरिका में खुदरा महंगाई का आंकड़ा गुरुवार को जारी किया जाएगा। खुदरा बिक्री का आंकड़ा शुक्रवार को आएगा।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के उपाध्यक्ष (शोध) अजीत मिश्रा ने कहा कि घरेलू स्तर पर कमजोर रुख के बीच बाजार में शुरुआत हल्की रही। कंपनियों के तिमाही परिणाम मिले-जुले रहने के साथ खुदरा मुद्रास्फीति और औद्योगिक उत्पादन के कमजोर आंकड़ों से बाजार पर असर पड़ा है।
घरेलू अर्थव्यवस्था को बुधवार को दोहरा झटका लगा। खाद्य वस्तुओं के दाम में तेजी से खुदरा महंगाई दर सितंबर में बढ़कर 7.4 प्रतिशत पर पहुंच गयी। वहीं औद्योगिक उत्पादन में 18 महीने में पहली बार गिरावट आई।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति के लगातार दूसरे महीने बढ़ने से भारतीय रिजर्व बैंक पर महंगाई को काबू में लाने को लेकर नीतिगत दर बढ़ाने को लेकर दबाव बढ़ेगा।
एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की, चीन का शंघाई कंपोजिट, हांगकांग का हैंगसेंग और दक्षिण कोरिया का कॉस्पी नुकसान में रहा। हालांकि, यूरोप के प्रमुख देशों के शेयर बाजारों में शुरुआती कारोबार में तेजी का रुख रहा। इस बीच अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.31 प्रतिशत बढ़कर 92.74 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक शुद्ध बिकवाल बने हुए हैं। उन्होंने बुधवार को 542.36 करोड़ रुपए मूल्य के शेयर बेचे। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया छह पैसे टूटकर 82.39 (अस्थायी) पर बंद हुआ।