रुद्राक्ष भगवान शिव के मनोहर नेत्रपुटों से निकले वो वरदानस्वरूप अश्रुरूपी फल है जो मनुष्य की सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं। रुद्राक्ष का वर्णन विभिन्न वैदिक ग्रन्थों में यथा पद्मपुराण , स्कन्दपुराण, शिवपुराण इत्यादि में मिलता है।
3 - रक्त की कमी अथवा अन्य किसी कारण से गर्भ धारण करने में कठिनाई हो रही है।
तो निश्चित ही आपके लिए किसी चमत्कार अथवा वरदान से कम नही है गर्भ-गौरी रुद्राक्ष।
सन्तान प्राप्ति के लिए इसे लाल रंग के धागे में गले में पहनना चाहिए।
रुद्राक्ष धारण करने का सर्वाधिक शुभ दिन महाशिवरात्रि है, हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन भगवान शिव और पार्वती जी का शुभविवाह हुआ था। इस वर्ष 1 मार्च 2022 को महाशिवरात्रि का पावन दिन है। इस वर्ष 1 मार्च को प्रातः 3 बजकर 16 मिनट से चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ होगी जो 2 मार्च को 1 बजे समाप्त होगी।