3. रुद्राभिषेक करें: रुद्र अर्थात भूतभावन शिव का अभिषेक। शिव और रुद्र परस्पर एक-दूसरे के पर्यायवाची हैं। शिव को ही 'रुद्र' कहा जाता है, क्योंकि रुतम्-दु:खम्, द्रावयति-नाशयतीतिरुद्र: यानी भोले सभी दु:खों को नष्ट कर देते हैं। विविध कामनाओं की पूर्ति के लिए रुद्राभिषेक के पूजन के निमित्त अनेक द्रव्यों तथा पूजन सामग्री को बताया गया है। साधक रुद्राभिषेक पूजन विभिन्न विधि से तथा विविध मनोरथ को लेकर करते हैं। किसी खास मनोरथ की पूर्ति के लिए तदनुसार पूजन सामग्री तथा विधि से रुद्राभिषेक किया जाता है। अनुष्ठान में शिवलिंग पर पंचामृत के साथ ही अन्य औषधि और पदार्थों का भी उपयोग करते हैं। रुद्राभिषेक करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
4. शिव परिवार और गणों की पूजा: इस दिन सिर्फ शिव ही नहीं बल्कि माता पार्वती, गणेश, कार्तिकेय, अशोक सुंदरी, मनसादेवी, नंदी, वासुकि नाग, रिद्धि सिद्धि, लाभ शुभ, आमोद प्रमोद, मूषक, मयुर, आदि सभी की पूजा करें। इसी के आशीर्वाद से जीवन के सभी संकट दूर होंगे।
5. गरीबों को कराएं भोजन: महाशिवरात्रि के दिन गरीबों, असहाय व्यक्तियों, गाय, बोल आदि को भोजन कराएं। इससे घर में कभी अन्न एवं धन की कमी नहीं होगी और पितरों की आत्मा को शांति मिलेगी।