महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की आराधना करना व उनका पूजन, जप व अर्चना करना विशेष फलदायक व लाभप्रद रहता है। आप भी भगवान शिव की पूजन-अर्चना अपने जन्म लग्नानुसार कर शिव का आशीर्वाद पा सकते हैं।
मेष लग्न : शिवजी को गुलाल चढ़ाएं, तांबे की वस्तु का दान करें एवं 'ॐ अंगारकाय नम:' का जप करें।
वृषभ लग्न : शिवजी को दूध से स्नान कराएं व चांदी का दान करें एवं 'ॐ भीमकाय नम:' का जप करें।
मिथुन लग्न : शिवजी को दही से स्नान कराएं व नाग-नागिन चढ़ाएं एवं 'ॐ शिवाय नम:' का जप करें।
कर्क लग्न : शिवजी को शहद से स्नान कराएं व मीठे का दान करें एवं 'ॐ ममलेश्वराय नम:' का जप करें।
सिंह लग्न : शिवजी को अष्टगंध से स्नान कराएं व मिश्री का दान करें एवं 'ॐ महेश्वराय नम:' का जप करें।
कन्या लग्न : शिवजी को शुद्ध नर्मदा या गंगा जल से स्नान कराएं व रूई या ऊन का दान करें एवं 'ॐ पिनाकिने नम:' का जप करें।
तुला लग्न : शिवजी को संतरे के रस से स्नान कराएं व फल का दान करें एवं 'ॐ विरुपाक्षाय नम:' का जप करें।
वृश्चिक लग्न : शिवजी को पंचामृत से स्नान कराएं व कपड़े का दान करें एवं 'ॐ भक्तवत्सलाय नम:' का जप करें।
धनु लग्न : शिवजी को किसी भी फल और दूध से स्नान कराएं व मूंग का दान करें एवं 'ॐ कृपानिधि नम:' का जप करें।
मकर लग्न : शिवजी को बिल्वपत्र चढ़ाएं या विषनाशक तेल से स्नान कराएं व कंबल का दान करें एवं 'ॐ जटाधराय नम:' का जप करें।
कुंभ लग्न : शिवजी को गन्ने का रस चढ़ाएं व सेवफल का दान करें एवं 'ॐ त्रिपुरांतकाय नम:' का जप करें।
मीन लग्न : शिवजी को अनार के रस से स्नान कराएं व रुद्राक्ष का दान करें एवं 'ॐ सामप्रियाय नम:' का जप करें।
विशेष : महाशिवरात्रि पर कालसर्प दोष व पितृदोष से पीड़ित जातक (व्यक्ति) शिवलिंग पर चांदी या अष्टधातु के नाग-नागिन जोड़े चढ़ा दें तो दोष समाप्त हो जाता है।