शिवरात्रि पर ऐसे करें अपने लग्न अनुसार पूजन, मिलेगा दिव्य फल

पं. सुरेन्द्र बिल्लौरे
महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की आराधना करना व उनका पूजन, जप व अर्चना करना विशेष फलदायक व लाभप्रद रहता है। आप भी भगवान शिव की पूजन-अर्चना अपने जन्म लग्नानुसार कर शिव का आशीर्वाद पा सकते हैं।
 
मेष लग्न : शिवजी को गुलाल चढ़ाएं, तांबे की वस्तु का दान करें एवं 'ॐ अंगारकाय नम:' का जप करें।
 
वृषभ लग्न : शिवजी को दूध से स्नान कराएं व चांदी का दान करें एवं 'ॐ भीमकाय नम:' का जप करें।
 
मिथुन लग्न : शिवजी को दही से स्नान कराएं व नाग-नागिन चढ़ाएं एवं 'ॐ शिवाय नम:' का जप करें।
 
कर्क लग्न : शिवजी को शहद से स्नान कराएं व मीठे का दान करें एवं 'ॐ ममलेश्वराय नम:' का जप करें।
 
सिंह लग्न : शिवजी को अष्टगंध से स्नान कराएं व मिश्री का दान करें एवं 'ॐ महेश्वराय नम:' का जप करें।
 
कन्या लग्न : शिवजी को शुद्ध नर्मदा या गंगा जल से स्नान कराएं व रूई या ऊन का दान करें एवं 'ॐ पिनाकिने नम:' का जप करें।
 
तुला लग्न : शिवजी को संतरे के रस से स्नान कराएं व फल का दान करें एवं 'ॐ विरुपाक्षाय नम:' का जप करें।
 
वृश्चिक लग्न : शिवजी को पंचामृत से स्नान कराएं व कपड़े का दान करें एवं 'ॐ भक्तवत्सलाय नम:' का जप करें।
 
धनु लग्न : शिवजी को किसी भी फल और दूध से स्नान कराएं व मूंग का दान करें एवं 'ॐ कृपानिधि नम:' का जप करें।
 
मकर लग्न : शिवजी को बिल्वपत्र चढ़ाएं या विषनाशक तेल से स्नान कराएं व कंबल का दान करें एवं 'ॐ जटाधराय नम:' का जप करें।
 
कुंभ लग्न : शिवजी को गन्ने का रस चढ़ाएं व सेवफल का दान करें एवं 'ॐ त्रिपुरांतकाय नम:' का जप करें।
 
मीन लग्न : शिवजी को अनार के रस से स्नान कराएं व रुद्राक्ष का दान करें एवं 'ॐ सामप्रियाय नम:' का जप करें।
 
विशेष : महाशिवरात्रि पर कालसर्प दोष व पितृदोष से पीड़ित जातक (व्यक्ति) शिवलिंग पर चांदी या अष्टधातु के नाग-नागिन जोड़े चढ़ा दें तो दोष समाप्त हो जाता है।
 

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