2. महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पूजा का विधान अलग है। शिवलिंग का जलाभिषेक, रुद्राभिषेक और पंचामृत अभिषेक किया जा सकता है परंतु शिवमूर्ति की पूजा करते समय उनका सिर्फ जलाभिषेक करके उन्हें पूजा का अन्य सामान अर्पित करते हैं।
4. शिवलिंग की पूजा के समय शिवलिंग पर हार फूल, माला, भांग धतूरा, आंकड़ा आदि अर्पित करते हैं परंतु शिवमूर्ति पर इसके साथ ही वस्त्र भी अर्पित करते हैं जो कि शिवलिंग पर नहीं करते हैं। शिवलिंग महादेव का निराकार रूप है और शिवमूर्ति उनका साकार रूप है। ऐसा भी कहते हैं कि शिवलिंग उनका दिगंबर स्वरूप है।
5. शिवलिंग की पूजा में शिवलिंग विन्यास में ही माता पार्वती, गणेशजी, कार्तिकेय, नागदेव और अशोक सुंदरी का एक निश्चित स्थान होता है। शिवलिंग पूाज के दौरान इन सभी की पूजा होती है जबकि महाशिवरात्रि पर शिवमूर्ति पूजा के दौरान शिवजी और माता पार्वती की ही पूजा होती है।