भगवान शिव के डमरू से निकले ये विचित्र मंत्र, करते हैं कई बड़ी समस्याओं का समूल अंत
हर रोग का नाश करें शिव के डमरू मंत्र
पुराणों में वर्णित है कि भगवान शिव के डमरू से कुछ अचूक और चमत्कारी मंत्र निकले थे। महाशिवरात्रि पर शिव के डमरू से प्राप्त 14 सूत्रों को एक श्वास में बोलने का अभ्यास किया जाता है। यह मंत्र कई बीमारियों का इलाज कर सकते हैं। इनकी एक माला (108 मंत्र) का जप प्रतिदिन करें। कोई भी कठिन कार्य हो शीघ्र सिद्धि प्राप्त होती है।
1. बिच्छू के काटने पर इन सूत्रों से झाड़ने पर विष उतर जाता है।
2.सर्प के काटने पर जिस व्यक्ति को सर्प ने काटा हो उसके कान में उच्च स्वर से इन सूत्रों का पाठ सुनाना चाहिए।
3.ऊपरी बाधा का आवेश जिस व्यक्ति पर आया हो उस पर इन सूत्रों से अभिमन्त्रित जल डालने से आवेश छूट जाता है।
इन सूत्रों को भोज पत्र पर लिखकर गले मे बांधने से अथवा हाथ पर बांधने से प्रैत बाधा नष्ट हो जाती है।
4.ज्वर, सन्निपात, तिजारी, चौथिया आदि इन सूत्रों द्वारा झाड़ने फूंकने से ज्वर शीघ्र छूट जाता है अथवा इन्हें पीपल के एक बड़े पत्ते पर लिखकर गले या हाथ पर बांधने से भी ज्वर छूट जाते हैं।
5.उन्माद या मृगी आदि रोग से पीड़ित होने पर सूत्रों से झाड़ना चाहिए तथा प्रतिदिन जल को अभिमंत्रित करके पिलाना चाहिये अथवा सफेद चंदन से अनार की कलम के द्वारा भोजपत्र पर लिखकर कवच के रूप में बांधा जा सकता है।
विशेष -इनका जप एक श्वास में करने का अभ्यास होना चाहिए।
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