पितृ पक्ष में चींटी को खोपरा और शक्कर खिलाएं, पूर्वज होंगे तृप्त और प्रसन्न

सोमवार, 19 सितम्बर 2022 (16:39 IST)
पितृ पक्ष चल रहे हैं। श्राद्ध करने का अधिकार सर्वप्रथम पुत्र को है तथा क्रमश: पुत्र, पौत्र, प्रपौत्र, दौहित्र, पत्नी, भाई, भतीजा, पिता, माता, पुत्रवधू, बहन, भानजा तथा सगौत्री कहे गए हैं। इनमें ज्यादा या सभी करें तो भी फल प्राप्ति सभी को होती है। 16 श्राद्ध में दान, तर्पण, पिंडदान, ब्राह्मण भोज, पितृभोग और पंचबलि कर्म किया जाता। पंचबलिक कर्म में पिपलिकादि कर्म ही चीटिंयों को भोजन कराना है। 
 
पिपलिकादि बलि- 
- चींटी, कीड़े-मकौड़ों आदि के लिए जहां उनके बिल हों, वहां चूरा कर भोजन डाला जाता है। उनके बिल हों, वहां चूरा कर भोजन डाला जाता है। 
 
- पिपलिकादि बलि कर्म करने से सभी तरह के संकट मिट जाते हैं और घर परिवार में सुख एवं समृद्धि आती है। 
 
- चींटियों को खोपरा और शकर मिलाकर खिलाने से चंद्र और शुक्र का दोष समाप्त हो जाता है।
 
- चींटियों को खोपरा और शकर मिलाकर खिलाने से पितृदेव प्रसन्न होते हैं। 
 
- चींटी को भी आटा में शक्कर मिलाकर डालें और इसके साथ ही घर में पितरों के लिए जो भोजन बना है उसे भी अर्पित करें।

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