श्रावण मास में शिव चालीसा पढ़ने और सुनने से मिलते हैं ये 10 लाभ
श्रावण मास (shravan maas 2022) भगवान शिवशंकर की आराधना का विशेष पर्व है। इस समयावधि में शिव जी को मनाने के लिए लोग कई प्रकार से उनकी उपासना करके उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं, उनमें से एक हैं शिव चालीसा (Shiv Chalisa) का पाठ। शिव चालीसा की चालीस शुभ पंक्तियां चमत्कारी हैं। यह पाठ सरल है लेकिन अत्यंत प्रभावशाली है।
चालीसा का निरंतर चालीस बार पाठ करने से वह सिद्ध हो जाता है। शिव चालीसा के आसान शब्दों से भगवान शिव जी (Lord Shiva) को प्रसन्न किया जा सकता है। अगर आपकी भी कोई मनोकामना अधूरी रह गई है या आप किसी समस्या से जूझ रहे हैं तो श्रावण में शिव चालीसा का पाठ करके आश्चर्यजनक लाभ पा सकते हैं। यहां पढ़ें शिव चालीसा और उसके 10 लाभ-
शिव चालीसा पाठ- Shiv Chalisa Path
।।दोहा।।
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥
मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
तुरत षडानन आप पठायउ। लव निमेष महँ मारि गिरायउ॥
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥
कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भये प्रसन्न दिए इच्छित वर॥
जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥
मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥
धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
शंकर हो संकट के नाशन। विघ्न विनाशन मंगल कारण ॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं॥
नमो नमो जय नमो शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥
ॠनिया जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
1. धन प्राप्ति के लिए शिव चालीसा का पाठ लगातार 40 दिन तक करना लाभकारी माना गया है। यदि आप भी अपार धन की चाह रखते हैं तो इसे नियत एक ही समय पर प्रतिदिन अवश्य पढ़ें अथवा सुनें।
2. शिव जी को मनाने से संतान प्राप्ति की कामना पूर्ण होती है। आप भी श्रावण मास में शिव चालीसा का पाठ करके अपनी मनोकामना पूर्ण कर सकते हैं।
3. शिव चालीसा का पाठ लगातार 40 दिन तक करने से अगर आपके मन में किसी प्रकार का भय हो तो वो दूर होता है।
4. यदि आपको दुखों और परेशानी ने घेर लिया है तो पूरे श्रावण में शिव चालीसा का पाठ करें अथवा सुनें।
5. अगर आपको नकारात्मक विचारों ने घेर रखा हैं और आप इससे मुक्ति चाहते हैं तो शिव चालीसा का पाठ अत्यंत लाभकारी है। श्रावण के पवित्र माह में शिव जी का ध्यान करके शिव चालीसा का पाठ सुनने या पढ़ने मात्र से आपको अशुद्ध भावनाओं तथा विकारों से मुक्ति मिलेगी।
6. अगर किसी कार्य में रुकावट आ रही है तो कार्य सिद्धि के लिए श्रावण में शिव चालीसा पढ़ें।
7. अगर आप मनवांछित वर चाहते हैं तो श्रावण में शिव चालीसा का पाठ करने से लाभ होगा।
8. श्रावण में कर्ज से मुक्ति के लिए खास उपाय किया जाता है। इस माह में आप शिव चालीसा पढ़ें आपको अवश्य लाभ होगा।
9. अगर शत्रु आपका पीछा नहीं छोड़ रहा हैं या आपको परेशान कर रहा है तो शत्रु नाश के लिए आप शिव जी की आराधना करें और शिव चालीसा का पाठ करें, आपको इस समस्या से मुक्ति मिलेगी।
10. शिव चालीसा का पाठ शिव जी को प्रसन्न करने का बेहद प्रभावशाली उपाय है। यह पाठ 40 दिन तक लगातार पढ़ने मात्र से जीवन की सभी परेशानियां दूर होती हैं।