सावन का पवित्र महीना चल रहा है और ऐसे में शिवपूजन का महत्व और बढ़ जाता है। शिव पुराण में वर्णित नागेश्वर ज्योतिर्लिंग के बारे में यह कहा गया है कि अगर सावन के महीनें में इस ज्योतिर्लिंग का दर्शन और पूजन किया जाए, तो इसका विशेष लाभ मिलता है, एवं मनुष्य शिव धाम को प्राप्त होता है। जो मनुष्य इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन करता है तथा उत्पत्ति और माहात्म्य की कथा सुनता है, वह सारे पापों से छुटकारा पाकर समस्त सुखों का भोग करता हुआ अंत में भगवान शिव के परम पवित्र दिव्य धाम को प्राप्त होता है। तो आइए जानें नागेश्वर ज्योतिर्लिंग के बारे में कुछ खास बातें-
1. नागेश्वर ज्योतिर्लिंग गुजरात के द्वारकापुरी से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
2. 12 प्रमुख ज्योतिर्लिगों में नागेश्वर ज्योतिर्लिंग का स्थान दसवां है।
3. नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के परिसर में भगवान शिव की ध्यान मुद्रा में एक बड़ी ही मनमोहक अति विशाल प्रतिमा है।
4. यह मूर्ति 125 फीट ऊंची तथा 25 फीट चौड़ी है। यह प्रतिमा मंदिर से दो किलोमीटर की दूरी से ही दिखाई देने लगती हैं।
5. मंदिर का गर्भगृह सभामंडप से निचले स्तर पर स्थित है। यहां स्थित नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्यम बड़े आकार का है, इसके ऊपर एक चांदी का आवरण चढ़ा हुआ है।
6. ज्योतिर्लिंग पर ही एक चांदी के नाग की आकृति बनी हुई है। ज्योतिर्लिंग के पीछे माता पार्वती की मूर्ति स्थापित है।
7. द्वारका से नागेश्वर-मन्दिर के लिए बस,टैक्सी आदि सड़क मार्ग के अच्छे साधन उपलब्ध होते हैं।
8. नागेश्वर का पूर्ण अर्थ नागों का ईश्वर है। भगवान शिव का एक अन्य नाम नागेश्वर भी है।
9. नागेश्वर मंदिर सुबह पांच बजे प्रात: आरती के साथ खुलता है जबकि आम जनता के लिए मंदिर छ: बजे खुलता है।
10. मंदिर में आरती शाम सात बजे होती है तथा रात नौ बजे मंदिर बंद हो जाता है। त्यौहारों के समय यह मंदिर ज्यादा समय के लिए खोल दिए जाते हैं।