Shivling ka jal abhishek kaise karen : श्रावण मास के सोमवार को शिवलिंग का जलाभिषेक, पंचामृत अभिषेक और रुद्राभिषेक किया जाता है। बहुत से लोगों को यह नहीं मालूम रहता है कि शिवजी को जल अर्पित करते समय मुख किस दिशा में रहना चाहिए और कैसे जल अर्पित करना चाहिए। आओ जानते हैं सावन सोमवार में जलाभिषेक करने के नियम।
शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय मुंह किधर होना चाहिए?
शिवलिंग पर जल किस दिशा में बैठकर चढ़ाना चाहिए :- शिवलिंग पर जल अर्पित करते समय भक्त का मुंह उत्तर या ईशान दिशा की ओर होना चाहिए क्योंकि उत्तर दिशा देवी और देवाताओं की दिशा है और ईशान दिशा शिवजी की दिशा है। इसके बाद पूर्व और पश्चिम दिशा में मुख करके भी जल चढ़ा सकते हैं परंतु अन्य दिशा में मुख करके जल न चढ़ाएं।
Shivling puja
सावन में शिव जी को जल कैसे चढ़ाएं?
शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिए तांबे या पीतल के लोटे का उपयोग करें।
शिवलिंग पर कभी भी शंख से जल न चढ़ाएं।
शिवलिंग पर जल कभी भी एक हाथ से अर्पित न करें।
शिवलिंग पर जल हमेशा दाएं हाथ से ही चढ़ाएं और बाएं हाथ को दाएं हाथ से स्पर्श करें।
शिवलिंग पर जल को धीरे धीरे चढ़ाना चाहिए एकदम से नहीं।
एक छोटी धारा के रूप में जल चढ़ाया जाना चाहिए।
जल चढ़ाने के बाद शिवलिंग की बिल्वपत्र रखें।
बिल्वपत्र रखने के बाद ही शिवलिंग की अधूरी परिक्रमा करें।
शिवलिंग पर जल कितने बजे तक चढ़ाना चाहिए?
शिवलिंग पर जल प्रात: 5 से 11 बजे के बीच में जल चढ़ाना विशेष रूप से फलदायी होगा।