बाद मैं रुक्मणी और उनकी मां के बीच इसको लेकर चर्चा होती है। दोनों एक-दूसरे के गले लगकर रोती हैं। रुक्मणी की मां कहती है तेरे पिता, मैं और तेरे चारों भाई तो श्रीकृष्ण से ही विवाह करना चाहते हैं परंतु तेरे बड़े भाई तेरा विवाह शिशुपाल से करना चाहते हैं और इसके लिए वह अपने पिता और भाइयों से भी युद्ध करने के लिए तैयार है। यह सुनकर रुक्मणी कहती है कि उनसे कहिये की वे अपना एक बाण मेरी छाती में मार दें तो चारों ओर शांति हो जाएगी, क्योंकि मैं उन्हें छोड़कर किसी ओर से विवाह नहीं कर सकती। इसके बाद रुक्मणी श्रीकृष्ण की याद में खोकर विरह गीत गाती हैं।