आज गुरु तेग बहादुर का शहीदी दिवस, जानिए उनके 20 अनमोल वचन
आज सिखों के नौवें गुरु, गुरु तेग बहादुर सिंह जी (Guru Tegh Bahadur) का शहीदी दिवस मनाया जा रहा है। हर साल 24 नवंबर को उनकी शहादत को याद करते हुए शहीदी दिवस Shahidi diwas के रूप में मनाया जाता है। उनका जीवन समस्त मानवीय सांस्कृतिक विरासत की खातिर बलिदान था। आज भी हम सभी के लिए बहुत उनके अनमोल विचार प्रेरणादायी है।
यहां पढ़ें गुरु तेग बहादुर सिंह जी के 20 प्रेरणादायी विचार- 20 Quotes by Guru Tegh Bahadur
1. एक सज्जन व्यक्ति वह है जो अनजाने में किसी की भावनाओ को ठेस ना पहुंचाएं।
2. हर एक जीवित प्राणी के प्रति दया रखो, घृणा से विनाश होता है।
3. डर कहीं और नहीं, बस आपके दिमाग में होता है।
4. सुखी और सहज जीवन जीना है तो हर नकारात्मक और सकारात्मक चीज पर अपनी प्रतिकिरया देना बंद करनी होगी।
5. यह संसार एक मिथ्या है और इसके भ्रम में जीना सबसे बड़ी गलत बात है।
6. गलतियां हमेशा क्षमा की जा सकती हैं, यदि आपके पास उन्हें स्वीकारने का साहस हो।
7. हार और जीत यह आपकी सोच पर ही निर्भर है, मान लो तो हार है ठान लो तो जीत है।
8. किसी के द्वारा प्रगाढ़ता से प्रेम किया जाना आपको शक्ति देता है और किसी से प्रगाढ़ता से प्रेम करना आपको साहस देता है।
9. अपने सिर को छोड़ दो, लेकिन उन लोगों को त्यागें जिन्हें आपने संरक्षित करने के लिए किया है। अपना जीवन दो, लेकिन अपना विश्वास छोड़ दो।
10. आध्यात्मिक मार्ग पर दो सबसे कठिन परिक्षण हैं, सही समय की प्रतीक्षा करने का धैर्य और जो सामने आए उससे निराश ना होने का साहस।
11. इस भौतिक संसार की वास्तविक प्रकृति का सही अहसास, इसके विनाशकारी, क्षणिक और भ्रमपूर्ण पहलुओं को पीड़ित व्यक्ति पर सबसे अच्छा लगता है।
12. साहस ऐसी जगह पाया जाता है जहां उसकी संभावना कम हो।
13. हर व्यक्ति को अपने जीवन के हर जरूरी कार्य के साथ-साथ राम नाम का जप निरंतर करते रहना चाहिए। यह भी जीवन के हर कार्य से अधिक आवश्य कार्य है।
14. सफलता कभी अंतिम नहीं होती, विफलता कभी घातक नहीं होती, इनमें जो मायने रखता है वो है साहस।
15. सभी जीवित प्राणियों के प्रति सम्मान अहिंसा है।
16. दिलेरी डर की गैरमौजूदगी नहीं, बल्कि यह फैसला है कि डर से भी जरूरी कुछ है।
17. जीवन किसी के साहस के अनुपात में सिमटता या विस्तृत होता है।
18. प्यार पर एक और बार और हमेशा एक और बार यकीन करने का साहस रखिए।
19. जिनके लिए प्रशंसा और विवाद समान हैं तथा जिन पर लालच और लगाव का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। उस पर विचार करें केवल प्रबुद्ध है जिसे दर्द और खुशी में प्रवेश नहीं होता है। इस तरह के एक व्यक्ति को बचाने पर विचार करें। Guru Tegh Bahadur Thoughts