श्री गुरु ग्रंथ साहेब जी को सुबह 4-5 बजे के समय अरदास (प्रार्थना) करके गुरुद्वारे के मुख्य कमरे में दर्शन के लिए लाया जाता है फिर वहां बाणी का पाठ होता है। कीर्तन होता है। इस प्रकार रात के 7-8 बजे तक गुरु ग्रंथ साहेब जी का प्रकाश रहता है। फिर दोबारा अरदास करके उन्हें उनके निजी स्थान पर विराजमान किया जाता है।