क्षिप्रा नदी पर बनने वाले पुल, सुन्दर घाटों का निर्माण, रेल्वे और ब्रिज, फ्लायओवर्स, इनररिंग रोड़, सुन्दर घाट आकर्षक चौराहे, 450 बिस्तरीय अस्पताल, इन्टरप्रिटेशन सेन्टर जैसे कार्य उज्जैन के लिए एक स्थायी सौगात है। स्ट्रीट लाईट की चकाचौंध, डीवाइडर्स पर खूबसूरत वृक्षारोपण और हाईमास्ट की रोशनी उज्जैन को सुन्दर स्वरूप दे रहे है।
सिंहस्थ के लिए उज्जैन में 362 करोड़ रुपए लागत की लगभग 100 सड़कें तैयार की गई है। इंजीनियरिंग कॉलेज रोड़, एमआर–5, एमआर-10, खाकचौक से मंगलनाथ और भरतपूरी से नानाखेड़ा मार्ग (फोरलेन) बनाए गए है। इन सभी प्रमुख सड़कों की कनेक्टिविटी नव निर्मित इनर रिंग रोड़ से कर दी गई है। इन सड़कों के निर्माण ने शहर को नया स्वरूप प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
सिंहस्थ के दौरान शिप्रा नदी में शुद्ध जल से स्नान हो इसके लिए राज्य शासन द्वारा खान नदी डायवर्शन योजना पर काम किया जा रहा है। इन्दौर जिले को खान नदी की सफाई के लिए 20 करोड़ रुपए का बजट दिया गया है, जिससे शिप्रा हमेशा शुद्ध बनी रहे। इसके साथ ही शिप्रा शुद्धीकरण अभियान के द्वारा पॉलीथीन व अन्य कचरें की साफ-सफाई की गई है।
सम्राट विक्रमादित्य के टीले का निर्माण, 84 महादेव और अन्य मंदिरों के सौंदर्यीकरण, उज्जैनवासियों के मन-मस्तिष्क में सिंहस्थ की शानदार स्मृतियों को सदैव संजों के रखेगी।
शहर के विभिन्न स्थानों जैसे विक्रम विश्वविद्यालय की दीवार, कोठी रोड़ की दीवारें, देवास रोड़ तथा विभिन्न पुलों व घाटों पर मालवी चित्रकला, शिप्रा के घाटों पर सिंहस्थ की थीम चित्रकारी ने शहर के सौंदर्य को नए आयाम दिया है। आगामी 22 अप्रैल से शुरू होने वाले इस महाआयोजन में जब आप उज्जैन में प्रवेश करेंगे तो उसके नवीन सुन्दर स्वरूप को देखकर दंग रह जाएंगे। सिंहस्थ के बहाने उज्जैन एक सुव्यवस्थित और खूबसूरत शहर के रूप में विकसित हो रहा है। यही सिंहस्थ की सौगात है उज्जैनवासियों को।