जब मैंने नागा साधुओं की तस्वीरें लेने की कोशिश की तो वे अच्छे-खासे नाराज हो गए। उनका गुस्सा शांत कर जब मैंने उनसे कहा कि बाबा मैं ये तस्वीरें प्रेस के लिए ले रहा हुं तो उनकी नाराजगी तो कम हो गई, परंतु वे एक बात पर अड़ गए और कहने लगे- बड़ा नोट दे और फोटो ले ले।
मित्र ने बाबा के साथ एक फोटो का निवेदन किया तो बाबा मान गए, परंतु साथ ही जनकल्याण के लिए दान का आग्रह किया। मैंने मित्र को इशारा किया तो उन्होंने बाबा की थाली में कुछ रुपए डाले और उनसे विदा ली। हालांकि बाबा शायद ज्यादा दान की अपेक्षा कर रहे थे।