कहां दिखाई देगा : भारत में नहीं दिखाई देगा। 2 और 3 अक्टूबर की दरम्यानी रात लगने वाले वलयाकार सूर्यग्रहण के नजारे से भी देश के खगोलप्रेमी वंचित रहेंगे। पाकिस्तान, श्रीलंका और नेपाल में भी नहीं दिखाई देगा। यह ग्रहण अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका और अटलांटिक महासागर, आइलैंड, ब्राजील, पेरू, चिली, अंटार्कटिका, अर्जेंटीना, मैक्सिको, न्यूजीलैंज, फिजी और आर्कटिक समेत कई देशों में नजर आएगा।
क्या होता है वलयकार सूर्य ग्रहण : सूर्यग्रहण की खगोलीय घटना कुल 7 मिनट 21 सेकंड चलेगी और इसकी चरमावस्था पर सूर्य का 93 प्रतिशत फीसद हिस्सा ढक जाएगा जिससे सौरमंडल का मुखिया पृथ्वीवासियों को चमकदार कंगन की तरह दिखाई देगा। इसे कंगन या कंकणाकृति सूर्य ग्रहण भी कहते हैं। सूर्य ग्रहण में जब चंद्रमा पृथ्वी से बहुत दूर होता है और इस दौरान पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जाता है। ऐसे में सूर्य के बाहर का क्षेत्र प्रकाशित होने के कारण कंगन या वलय के रूप में चमकता दिखाई देता है। कंगन आकार में बने सूर्य ग्रहण को ही वलयाकार सूर्य ग्रहण कहते हैं।