भारत की अर्जेंटीना से शर्मनाक हार

शुक्रवार, 29 जून 2007 (09:49 IST)
पेनल्टी कॉर्नर को गोल में न बदल पाने की भारतीय हॉकी टीम की कमजोरी ने उसे फ‍िर निराश किया और अर्जेंटीना के खिलाफ चैलेंजर कप में एक दर्जन पेनल्टी कॉर्नर मिलने के बावजूद टीम 1-2 से पराजित हो गई।

अर्जेंटीना की ओर से जॉर्ज लोंबी ने 39वें और कप्तान मारियो निकोलस अलमाडा ने 60वें मिनट में गोल किए, जबकि भारत की ओर से एकमात्र गोल संदीपसिंह ने 64वें मिनट में किया और वह भी पेनल्टी स्ट्रोक पर।

भारतीय खिलाड़ी हार के लिए खुद ही जिम्मेदार हैं। आक्रमण में किसी तरह की कमी नहीं थी और यही वजह रही कि टीम ने कुल मिलाकर 12 पेनल्टी कॉर्नर हासिल किए, लेकिन एक को भी गोल में नहीं बदल सकी।

रही सही कसर दूसरे हाफ में डिफेंस की दरार ने पूरी कर दी। अर्जेंटीना ने मौका नहीं गँवाते हुए 60वें मिनट में गोल दाग दिया और भारत के लिए मैच के दरवाजे लगभग बंद कर दिए।

भारत की मैच योजना भी समझ से परे रही और पेनल्टी कॉर्नर विशेषज्ञ के रूप में टीम के साथ संदीपसिंह को आधे से अधिक समय तक बेंच पर आराम दिया गया और छह पेनल्टी कॉर्नर गँवाने के बाद ही टीम प्रबंधन को उन्हें मैदान में भेजने की सुध आई।

हालाँकि मैदान में आने से भी स्थिति में कुछ फर्क नहीं पड़ा और शेष छह पेनल्टी कॉर्नर पर भी संदीप विपक्षी गोलकीपर और रक्षकों को एक मर्तबा छकाने में नाकाम रहे। अलबत्ता एक पेनल्टी कॉर्नर पर संदीप का शॉट अर्जेंटीना के रक्षक के पैर से टकरा गया और अंपायर ने भारत के पक्ष में पेनल्टी स्ट्रोक दिया।

संदीप ने इस बार कोई गलती नहीं की और स्कोर 2-1 कर दिया। मैच में आखिरी सीटी बजने में अब छह मिनट ही बाकी थे। दो मिनट बाद ही भारत को दो और पेनल्टी कॉर्नर मिले, लेकिन फ‍िर वही कहानी दोहराई गई और भारत को मायूस होना पड़ा।

आखिरी क्षणों में अलमाड़ा को दुर्व्यवहार के कारण अंपायर ने मैदान से बाहर कर दिया, लेकिन 10 खिलाड़ियों से खेल रहे अर्जेंटीना ने शेष समय आसानी से निकाल लिया और तीन अंक हासिल कर फाइनल की ओर अहम कदम बढा़ लिया।

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