खेल मंत्रालय के आदेश पर अंजलि को भारत की टीम की कप्तानी सौंपी गई है। 24 बरस की अंजलि मध्यप्रदेश के बुंदेलखण्ड अंचल के टीकमगढ़ जिले की प्रथवीपुर विधानसभा/तहसील के छोटे से गाँव सिमरा की रहने वाली है। उनके के पिता यहां के छोटे किसान हैं, जिसके जरिये वे अपना गुजर-बसर करते हैं। परिवार में कुल छ: सदस्य (नानी, माता, पिता, बड़ा भाई, बड़ी बहन, और स्वयं अंजलि) हैं। अपने घर में एक भाई और दो बहनों में सबसे छोटी है।
बचपन से थी प्रतिभा : 'कहते हैं न कि पूत के पाँव पालने में ही दिख जाते हैं', अंजली को बचपन से ही खेलों का शौक था वह गाँव के तालाब में ही पड़ी छोटी नाव को चलाया करती थी और अन्य बच्चों के साथ रेस लगाती थी। उसका नतीजा यह है कि अब वह देश का नेतृत्व कर रही है।
कई देशों में दिखाया जौहर : अंजलि अब तक जर्मनी, उज़्बेकिस्तान, रूस में अपने जौहर दिखा चुकी हैं। अंजली भारतीय खेल प्राधिकरण से SAI (स्पोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया) सेंटर भोपाल में कयाकिंग कैनोईग की अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हैं और इससे पहले भी पांच बार भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं।
फ्रांस वर्ल्ड कप के वर्ल्ड कप आयोजन में भारत के मैच 10,11,12 जून को होंगे, जिनमें अंजलि भारत की कप्तानी करेंगी। अंजलि के साथ खेल एवं युवा कल्याण विभाग, मध्यप्रदेश की राजेश्वरी देवी, नामित कुमारी, और केरल की शुभी भी सहित इनके साथ टीम का एक कोच जाएगा। अंजली वर्त्तमान में बीपीएड का 3 साल का कोर्स पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ से कर रही है।