लंदन। देविंदर सिंह कांग अपने ऐतिहासिक फाइनल राउंड में प्रभावित करने में असफल हुए और पुरुष भाला फेंक स्पर्धा में निराशाजनक 12वें स्थान पर रहे जिससे भारत का यहां विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में निराशाजनक प्रदर्शन जारी रहा।
विश्व चैंपियनशिप की भाला फेंक स्पर्धा के फाइनल के लिए क्वालीफाई करने वाले पहले भारतीय ने काफी लचर प्रदर्शन किया और वे ओलंपिक स्टेडियम में अपने तीसरे प्रयास में 80.02 मीटर का सर्वश्रेष्ठ थ्रो फेंक सके।
उन्होंने 75.40 मीटर से शुरुआत की और 13 एथलीटों में अपने दूसरे प्रयास में फाउल कर बैठे। 3 राउंड के बाद वे बाहर हो गए जबकि शीर्ष 8 एथलीटों ने स्पर्धा जारी रखी। कांग का सत्र और व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 84.57 मीटर का है।
सत्र में शीर्ष पर रहने वाले जर्मनी के जोहानेस वेटर ने 89.89 मीटर के सर्वश्रेष्ठ प्रयास से स्वर्ण पदक जीता जबकि चेक गणराज्य के 2 एथलीट जाकुब वाडलेजिच (89.73 मीटर) और पेट्र फ्रिडिच (88.32 मीटर) ने क्रमश: रजत और कांस्य पदक अपने नाम किया। मौजूदा ओलंपिक चैंपियन थामस रोहलर 88.26 मीटर के सर्वश्रेष्ठ प्रयास से चौथे स्थान पर रहे।
28 वर्षीय कांग को गांजा लेने का पॉजीटिव पाया गया था लेकिन फिर भी वे भारतीय टीम में जगह बनाने में सफल रहे थे, क्योंकि इससे खिलाड़ी निलंबित नहीं होता। हालांकि उनके दाएं कंधे चोटिल था, यह चोट उन्हें मई में लगी थी।
दूसरे थ्रो के बाद वे अपने हाथ को दबाए हुए दिखे थे। कांग ने स्पर्धा के बाद कहा कि मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ करने की कोशिश की लेकिन दाएं कंधे की चोट के कारण मुझे दर्द था, यह काफी तेज था और इसकी वजह से मैं अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सका। मैं कोई बहाना नहीं बनाना चाहता लेकिन अगर मैं चोटिल नहीं होता तो मैं इससे बेहतर कर सकता था। मैं निराश हूं, मैंने देश को निराश कर दिया। हालांकि पंजाब का यह एथलीट फिर भी विश्व चैंपियनशिप में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला भारतीय एथलीट रहा।
कांग ने गुरुवार को इतिहास रच दिया था जबकि हमवतन नीरज चोपड़ा से काफी उम्मीदें की जा रही थीं लेकिन वे निराशाजनक प्रदर्शन से क्वालीफिकेशन राउंड में बाहर हो गए थे। (भाषा)