जोकोविच ने शनिवार को मैच हारने के बाद कहा कि वे पूरी तरह से स्वस्थ नहीं थे। उन्होंने इस बारे में और ज्यादा तो नहीं बताया, क्योंकि वे सैम क्वेरी की जीत के लिए की गई मेहनत को पूरा सम्मान देना चाहते थे। जोकोविच 12 ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंट जीत चुके हैं, फिर भी उनको उतना प्यार और सम्मान नहीं मिल पाया है जितना फेडरर और नडाल को मिलता है और इसे पाने के लिए जोकोविच काफी मेहनत भी कर रहे हैं, चाहें वह फ्रेंच ओपन के लिए फ्रेंच सीखना हो या पिछले साल फ्रेंच ओपन फाइनल हारने के बाद अपनी भावनाओं को नहीं छिपाना हो या फिर किसी बॉल बॉय के साथ बैठना हो या उसके साथ खेलना हो, मगर इन सबके बीच कल हार के बाद अपनी गलतियां बताने के बजाए हार स्वीकार करना, अपनी चोट के बारे में नहीं बताना और सैम क्वेरी को जीत का हकदार बताकर जोकोविच हारने के बाद भी काफी कुछ कमा गए।
क्वेरी से 2 सेट हारने के बावजूद जोकोविच के हारने के बारे में सोचने वाले काफी कम लोग थे। सट्टा बाजार में भी जोकोविच के जीतने की ही बातें थीं, वहीं पिछले साल भी जोकोविच का इसी कोर्ट पर ऐसी ही हालत से उबरकर आने से उनका कल भी वैसा ही कर पाने में कोई शक पैदा नहीं कर रहा था और जब तक तीसरा सेट शुरू हुआ तो जोकोविच ने अपने इरादे साफ बता दिए थे और 5-0 की बढ़त उन्होंने बना ली थी।
इसके बाद से जोकोविच की मुश्किलें शुरू हो गई थीं। उनकी सर्विस भी ब्रेक हुई और क्वेरी ने अगले 3 गेम जीत लिए। हालांकि जोकोविच यह सेट जीतने में कामयाब रहे, मगर उनके ऊपर दबाव देखा जा सकता था, वहीं क्वेरी खुलकर खेल रहे थे।
क्वेरी लंबी रैली में विश्वास नहीं करते हुए अपने शॉट्स आजमा रहे थे और साथ ही चौथे सेट में उनकी सर्विस का खास मौकों पर चलने की वजह से वे इस सेट में कई ब्रेक पॉइंट बचा पाए और एक सबसे बड़ा उलटफेर करने में कामयाब रहे। जोकोविच की हार के साथ ही इस साल के दोनों फ्रेंच ओपन चैंपियन अब विंबलडन से बाहर हो गए हैं।
जोकोविच के बाहर होने का सबसे ज्यादा फायदा फेडरर को होने वाला है, पहले ही थोड़े आसान ड्रॉ के चलते उनको अपनी लय पाने का समय मिल गया था, और अब जोकोविच से खेलने का दबाव भी नहीं है, और साथ ही उनसे उम्मीदें भी कम ही थी, अब इन सब चीजों का फायदा फेडरर उठा पाते है या नहीं देखते है।