इस नियम के तहत जो खिलाड़ी जन्म के वक्त पुरुष थे लेकिन उन्होंने बाद में अपना जेंडर चेंज किया है, वे अब महिलाओं की खेल प्रतियोगिता से बैन हैं। रीपब्लिकंस ने इस फैसले का समर्थन और प्रशंसा कर कहा कि यह निष्पक्षता दर्शाता है लेकिन LGBT कम्युनिटी का कहना है कि यह उनके प्रति भेदभाव करना और इस से ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ेगा।
इस नियम को स्कूल, कॉलेज और स्पोर्ट्स इंस्टीटूट्स में तत्काल लागू कर दिया है और जो स्कूल या कॉलेज ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों को महिलाओं की प्रतियोगिताएं में हिस्सा लेने की परमीशन देगा, उसकी फेडरल फंडिंग (Federal Funding) को खतरा हो सकता है। आपको बता दें इस आदेश का नाम 'कीपिंग मेन आउट ऑफ वीमेंस स्पोर्ट्स' है (Keeping Men Out of Women's Sports) यह आर्डर तब लागू किया किया जब देश National Girls and Women in Sports Day मना रहा था।
ईस्ट रूम में हस्ताक्षर समारोह में राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, "इस कार्यकारी आदेश (Executive Order) के साथ, महिलाओं के खेल पर युद्ध समाप्त हो गया है," इस आदेश का असर लॉस एंजिल्स में होने वाले 2028 ओलंपिक खेलों (2028 Olympic Games) पर भी पड़ेगा। उन्होंने कहा कि वह उन ट्रांसजेंडर एथलीटों को वीजा (VISA) देने से इनकार कर देंगे जो ओलंपिक के लिए US आने की कोशिश करेंगे।