लंबे समय तक हॉकी इंडिया की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रही एलेना नॉर्मन ने त्यागपत्र दे दिया है और उन्होंने आरोप लगाया कि लंबे समय से उनका वेतन रोका गया था तथा महासंघ में आपसी गुटबाजी के कारण काम करना मुश्किल हो गया था।ऑस्ट्रेलिया की रहने वाली नॉर्मन लगभग 13 वर्ष से यह पद संभाल रही थी और उन्हें पिछले तीन महीने से भुगतान नहीं किया गया था।
हॉकी इंडिया के नॉर्मन के पद छोड़ने के संबंध में किसी कारण का उल्लेख किए बिना बयान जारी करने के बाद इस ऑस्ट्रेलियाई ने पीटीआई से कहा,(वेतन से जुड़े हुए) कुछ मुद्दे थे तथा काफी पहल करने के बाद पिछले सप्ताह उन्हें मंजूरी मिली।
नॉर्मन का त्यागपत्र राष्ट्रीय महासंघ के लिए एक और झटका है। हॉकी इंडिया के अध्यक्ष और पूर्व भारतीय कप्तान दिलीप टिर्की ने नॉर्मन का त्यागपत्र स्वीकार करते हुए उनका आभार भी व्यक्त किया।
टिर्की ने बयान में कहा,न सिर्फ हॉकी इंडिया के अध्यक्ष बल्कि पूर्व खिलाड़ी और हॉकी प्रेमी होने के कारण मैं पिछले 12-13 वर्षों में उल्लेखनीय योगदान के लिए उनका आभार व्यक्त करता हूं। उनके समर्पण और प्रयासों ने हॉकी इंडिया और भारतीय हॉकी को वर्तमान समय की मजबूत स्थिति में पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मैं भविष्य के लिए उन्हें शुभकामना देता हूं।
नॉर्मन के शीर्ष पद पर रहते हुए भारत की पुरुष और महिला टीमों ने अपनी सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग हासिल की थी। यही नहीं पुरुष टीम ने तोक्यो ओलंपिक खेलों में कांस्य पदक जीतकर 41 साल से चले आ रहे पदक के इंतजार को खत्म किया था। इन खेलों में महिला टीम भी चौथे स्थान पर रही थी।
नॉर्मन ने अपने कार्यकाल का अधिकतर समय अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ के पूर्व अध्यक्ष नरिंदर बत्रा के हॉकी इंडिया का प्रमुख रहते हुए बिताया। (भाषा)