क्रिकेट में टी20, रग्बी में सेवंस और बास्केटबॉल में तीन गुना तीन की तरह हॉकी में भी छोटे प्रारूप के साथ उसे लोकप्रिय बनाने की एफआईएच की कोशिशों का हिस्सा है यह टूर्नामेंट जिससे दर्शकों को मैदानों में बड़ी संख्या में खींचने की कोशिश के लिए खेला गया। हॉकी फाइव को सबसे पहले 2013 में शुरू किया गया और 2014 में चीन में हुए युवा ओलंपिक में पहली बार इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेला गया।
पहला एफआईएच हॉकी 5एस खिताब जीतने वाली भारतीय टीम ने पौलेंड खिताबी मुकाबले में 0-3 से पिछड़ने के बावजूद 6-4 से हराकर यह खिताब अपने नाम कर लिया।राउंड-रॉबिन स्टेज में शीर्ष पर रहने वाली भारतीय टीम पूरे टूर्नामेंट में अजेय रही। भारत ने टूर्नामेंट की शुरुआत 4-3 की जीत के साथ की और पहले दिन के दूसरे मैच में पाकिस्तान के साथ 2-2 का ड्रॉ खेला।
इसके बाद रविवार को भारत ने मलेशिया और पोलैंड को क्रमश: 7-3 और 6-2 से हराया। पांचों मैचों में भारत के लिये गोल करने वाले रहील ने पोलैंड के खिलाफ फाइनल मैच में दो गोल किये। भारत ने यह मुकाबला 6-4 से जीता। पांच मैचों में 10 गोल करने वाले 25 वर्षीय रहील को टूर्नामेंट में सबसे ज़्यादा गोल करने के लिये प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया।
*इस प्रारूप में मैदान नियमित मैदान से आधा होता है जो प्रतियोगिता पर निर्भर करता है। एफआईएच के नियमों के अनुसार अधिकतम आकार 55 मीटर गुणा 42 मीटर और न्यूनतम 40 मीटर गुणा 28 मीटर हो सकता है।लंबाई नापने वाली दो सीमारेखाओं को साइडलाइंस कहा जाता है जबकि चौड़ाई नापने वाली रेखा को बैकलाइन कहते हैं।
*आयताकार कोर्ट की बैकलाइन के बीच 3.66 मीटर लंबाई और 2.14 मीटर ऊंचाई के दो गोलपोस्ट होते हैं। इस प्रारूप में कोई डी या अर्धवृत्त नहीं होता है । बैकलाइन के समांतर एक मध्यरेखा से कोर्ट दो हिस्सों में बंटा होता है । दो क्वार्टर लाइन हर हाफ को दो बराबर हिस्सों में बांटती है।
*एक गोल पेनल्टी स्पॉट भी दो गोलपोस्ट के बीच सेंट्रल प्वाइंट्स और क्वार्टर लाइन के बीच होता है। हॉकी 5 में टीमें कहीं से भी गोल कर सकती हैं जबकि पारंपरिक हॉकी में डी के भीतर जाकर गोल करना होता है ।
*इसमें हर टीम में एक समय मैदान पर पांच खिलाड़ी होते हैं जिसमें गोलकीपर शामिल है और चार स्थानापन्न खिलाड़ी उतारे जा सकते हैं।
*हॉकी 5 में पेनल्टी कॉर्नर नहीं होता लेकिन टीम फाउल होने पर उसे चुनौती दे सकती है और उसकी मांग स्वीकार होने पर विरोधी गोलकीपर के आमने सामने शूटआउट का मौका मिलता है।
*हॉकी फाइव मैच 20 मिनट का होता है जो 10-10 मिनट के दो हाफ में होता है।