भारतीय हॉकी को सुधारने के लिए कोच की यह है नई रणनीति

गुरुवार, 16 मार्च 2017 (20:33 IST)
बेंगलुरु। भारतीय राष्ट्रीय हॉकी टीम के कोच रोलैंट ओल्टमैंस ने जोर देते हुए कहा है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हॉकी अब काफी तेज हो गई है और समय की मांग के अनुसार टीम को तकनीकी और वैज्ञानिक रूप से और दक्ष होने की जरूरत है। 
              
यहां बेंगलुरु स्थित भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) सेंटर में भारतीय टीम के साथ प्रशिक्षण सत्र में जुटे मुख्य कोच ओल्टमैंस ने कहा कि हॉकी के खेल में काफी बदलाव आ चुका है। अब काफी तेज हॉकी होने लगी है और अंतरराष्ट्रीय स्तर की मांग के अनुसार खिलाड़ियों को इसके लिए खुद को तैयार करना होगा। इसके लिए हमें वैज्ञानिक नजरिया अपनाना पड़ेगा। खिलाड़ियों को दबाव के क्षणों में पहले से ज्यादा मजबूती दिखाते हुए ऊर्जावान रहना होगा।
 
कोच ने कहा कि यदि आप पिछले दो वर्षों में भारतीय हॉकी पर नजर डाले तों चाहे सीनियर हो या जूनियर टीम दोनों के प्रदर्शन में गजब का सुधार देखने को मिला है। टीमों ने इस दौरान ढेरों सफलताएं हासिल की हैं। हमें अपने प्रदर्शन की समीक्षा करते रहना होगा और कमजोर पक्षों जैसे पेनल्टी कॉर्नर पर गोल करने के ज्यादा से ज्यादा अवसर भुनाने होंगे। 
                              
ओल्टमैंस ने कहा कि हमारा लक्ष्य निश्चित रूप से 2020 में होने वाले टोक्यो ओलंपिक और उससे पहले 2018 में होने वाले विश्वकप के लिए अपनी तैयारियों को मजबूत करना है। उन्होंने कहा, तीन चार वर्ष पहले हो सकता था कि बहुत-सी टीमें भारत को गंभीरता से नहीं लेती थीं लेकिन अब ऐसी बात नहीं है। भारतीय टीम अपने अच्छे प्रदर्शन से लगातार शीर्ष की तरफ अग्रसर है और वह किसी भी टीम को कड़ी चुनौती दे सकती है।
           
उल्लेखनीय है कि पिछले रियो ओलंपिक के बाद अब तक भारतीय टीम ने एशियन चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के अलावा प्रतिष्ठित जूनियर विश्व कप जीता है।
                            
विश्वकप के लिए संभावित 33 खिलाड़ियों में से 11 जूनियर विश्वकप विजेता टीम से हैं। ओल्टमैंस ने इस बारे में कहा, मैंने इन जूनियर लड़कों का खेल करीब से देखा है और ये सभी बेहद प्रतिभाशाली हैं। इनमें भविष्य के लिए अपार संभावनाएं हैं और उनकी खेल प्रतिबद्धता शत-प्रतिशत है। इन खिलाड़ियों को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए इस मौके को भुनाना होगा और शानदार प्रदर्शन करना होगा ताकि वह सीनियर टीम में नियमित जगह बना सकें। (वार्ता)

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