गोल्ड मेडल जीतने वाली तान्या हेमंत को हिजाब पहनने के लिए किया मजबूर, ऐसा रहा पूरा किस्सा

Webdunia
मंगलवार, 7 फ़रवरी 2023 (17:56 IST)
भारत की तान्या हेमंत ने हमवतन पहले क्रम की तस्नीम मीर को 21-7।21-11से 30 मिनट में हराकर 31वीं ईरान फजर अंतरराष्ट्रीय चैलेंज बैडमिंटन स्पर्धा जीती। तेहरान ईरान में 31 जनवरी से 5 फरवरी तक हुई इस स्पर्धा में महिला एकल सेमीफाइनल में चार में से तीन भारतीय थी। भारतीय खिलाडियों को इनाम लेने के लिए हिजाब पहनने कौन मजबूर किया गया।
 
बैंगलुरु की तान्या हेमंत ने बताया कि यह उसका दूसरा अंतरराष्ट्रीय चैलेंज और देश से बाहर पहला अंतरराष्ट्रीय सीनियर खिताब है। वे पिछले साल बैंगलुरु में इंडिया इंफोसिस अंतरराष्ट्रीय चैलेंज स्पर्धा जीत चुकी है। तान्या 2021 में पोलिश खुली स्पर्धा उपविजेता भी रही है। 
 
विश्व नंबर 73 तान्या हेमंत ने विश्व नंबर 53 तस्नीम मीर को तीसरे मुकाबले में पहली बार हराया है। पिछली बार पिछले साल इंडिया छत्तीसगढ़ अंतरराष्ट्रीय चैलेंज स्पर्धा में ।14 सितम्बर को तान्या। तस्नीम से 16-21। 21-7।15-21 से हारी थी।

दूसरे क्रम की तान्या ने सेमीफाइनल में दसवें क्रम की इंडोनेशिया की स्टेफनै विद्जजा को 40मिनट के संघर्ष में 22-20। 22-20से और क्वार्टर फाइनल में 12वें क्रम की तुर्की की नेस्लिहान यिजिट को 21-18।21-14 से पराजित किया।
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Tehran - Indian shuttler Tanya Hemant 'forced' to wear hijab at Iran Challenge

In a shocking and unfortunate development, Indian shuttler Tanya Hemant, winner of Iran Fajr International Challenge was forced to wear a hijab at Medal Ceremony.https://t.co/34hBuLDM3R pic.twitter.com/LtdilekADS

— VSK BHARAT (@editorvskbharat) February 6, 2023 >गत विजेता भारत की तस्नीम मीर ने सेमीफाइनल में चौथे क्रम की भारत की अदिति भट्ट को 19-21 ।21-18। 21-10 से 48 मिनट में और क्वार्टर फाइनल में आठवें क्रम की इंडोनेशिया की युलिआ येसेफिने सुसान्तो को 21-19।21-19से हराया। विश्व नंबर 85 अदिति भट्ट ने क्वार्टर फाइनल में इंडोनेशिया की गब्रियला मेलनी मोनिन्गके को 12-21।23-21।21-18से 55 मिनट में  और तीसरे दौर में भारत की तृषा हेगड़े को 21-11। 21-14 से हराया।
 
 पांचवें क्रम के भारत चिराग सेन पुरुष एकल क्वार्टर फाइनल में 13वें क्रम के इंडोनेशिया के सयाब्दा पेर्केश बेलाना से 14-21।16-21से 34मिनट में पराजित हुए। सयाब्दा ने मलेशिया के जस्टिन होव को 18-21।21-12।22-20से हराकर पुरुष एकल खिताब जीता। लक्ष्य सेन के बड़े भाई चिराग ने तीसरे दौर में 12वें क्रम के मलेशिया के ली शुन यांग को 21-18।21-19 से 33मिनट में हराया।भारत के हर्षित अग्रवाल।

तीसरे दौर में इंडोनेशिया के अल्वि विजया चैरुल्ला से 11-21। 21-18। 19-21 से  पराजित हुए । विश्व नंबर 73। दूसरे क्रम की रुतपर्णा और स्वेतपर्णा पंडा बहने दूसरे दौर में विश्व नंबर 109 मलेशिया की गोद पेई की और तेओह मेई झिंग से 11-21।9-21से हार गई।जो फाइनल में हारी। पहले क्रम के भारत के  मैराबा लुवांग मैस्नाम। छठवें क्रम के सुभांकर डेऔर सातवें क्रम के संकर मुथुसामी सुब्रमण्यमन । तीसरे क्रम की रितुपर्णा दास दूसरे दौर में हारे।
पाबंदियों के साथ क्यों!! 
 
विश्व बैडमिंटन महासंघ की किसी भी अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन स्पर्धा में ड्रेस कोड एक जैसा होता है। धार्मिकता खेलों में आड़े नहीं आने दी जाती है। लेकिन ईरान में महिलाओं के साथ अलग ही नियम हैं। महिला मैच के दौरान हाल में पुरुष प्रवेश वर्जित है। यह हाल के बाहर ही लिखा था । पुरुष प्रशिक्षक और पिताजी तक को हाल में प्रवेश करने की अनुमति नहीं थी! रैफरी और अंपायर महिला ही थी।

स्पर्धा में पहली बार मिश्रित युगल मुकाबले भी हुए। लेकिन इसमें पुरुष दर्शक वर्जित थे। मैच के दौरान महिला खिलाडियों पर हिजाब पहनने की पाबंदी नहीं थी लेकिन बाद में बताया गया कि पुरस्कार के लिए यह जरूरी है। तान्या हेमंत ने स्कार्फ को हिजाब बनाया। तभी उसको इनाम दिया गया।  चीनी रैफरी को स्पर्धा दौरान पूरे समय हिजाब पहनना पड़ा।क्या खेलों में यह प्रतिबंध और अनिवार्यता उचित है? अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन महासंघ को क्या ऐसे देश को अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग स्पर्धाओं को आवंटित करना चाहिए?
 
महिला मैचों की वीडियो रिकॉर्डिग और मोबाइल से फोटो लेने का भी प्रतिबंध था। महिलाएं ।पुरुष मैच करा सकती है। पुरुष अंपायर रखें ही नहीं। भारत का कोई अंपायर नहीं था।

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