कप्तान रानी की अगुवाई वाली टीम ने सकारात्मक शुरुआत की और मुकाबला शुरू होने के 40वें सेकेंड में ही पहला पेनल्टी कार्नर हासिल किया, लेकिन टीम इसे गोल में नहीं बदल पाई। इसके दो मिनट बाद भारत को एक और पेनल्टी कार्नर मिला, लेकिन बेल्जियम के गोलकीपर ने इसे भी विफल कर दिया।
बेल्जियम की जूनियर टीम ने छह मिनट के अंदर तीन पेनल्टी कार्नर हासिल किए, लेकिन भारतीय गोलकीपर सविता ने अच्छा प्रदर्शन करके मेजबान टीम को शुरू में बढ़त हासिल नहीं करने दी। फारवर्ड वंदना कटारिया ने भी भारत के लिए गोल करने का अच्छा मौका बनाया था लेकिन वह गोल करने में नाकाम रही।
भारतीय टीम ने तीसरे क्वार्टर में अच्छी शुरुआत की। निक्की प्रधान ने 36वें मिनट में टीम के लिए बराबरी का गोल दागा। नेहा गोयल के पास भी गोल करने का अच्छा मौका था, लेकिन बेल्जियम के गोलकीपर ने उनके इस मौके को गोल में तब्दील नहीं होने दिया। बेल्जियम ने 43वें मिनट में मैथ्यू डि लीट के शानदार गोल से फिर 2-1 की बढ़त हासिल कर ली।
मुकाबले में 1-2 से पिछड़ने के बाद भारत ने आखिरी सयम में गोल करने के कई प्रयास किए। वंदना कटारिया ने 54वें मिनट में टीम के लिए बराबरी का गोल दागकर स्कोर 2-2 से बराबरी पर ला दिया। मुकाबले में और कोई गोल नहीं हो सका और दोनों टीमों के बीच मुकाबला 2-2 से ड्रा रहा। भारतीय टीम यूरोप दौरे के अपने तीसरे मैच में 14 सितंबर को लेडीज डेन बॉश से भिड़ेगी। (वार्ता)