ज्योति सुरेखा वेन्नम, अदिति स्वामी और परनीत कौर की भारतीय महिला कंपाउंड तीरंदाजी टीम ने मेक्सिको को हराकर World Championship विश्व तीरंदाजी चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया।
भारतीय महिला टीम ने एकतरफा फाइनल मुकाबले में शीर्ष वरीयता प्राप्त मेक्सिको को 235-229 से हराकर विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप में देश का पहला स्वर्ण पदक जीता।इस जीत के साथ ही भारत ने इस विश्व कप में अपने पदक का खाता खोला।
भारत ने इससे पहले सेमीफाइनल में कोलंबिया और क्वार्टर फाइनल में चीनी ताइपै को हराया था।भारत ने 1981 में पुंटा अला (इटली) में विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप की शुरुआत के बाद यह पहली बार तीरंदाज विश्व चैंपियन बना है।
भारत इससे पहले विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप में रिकर्व वर्ग में चार बार और गैर-ओलंपिक कंपाउंड वर्ग में पांच बार फाइनल में हार चुका है।ज्योति ने कहा, हम प्रक्रिया पर ध्यान दे रहे है। हमने पर्याप्त रजत पदक जीते थे और हमने कल सोच लिया किया था कि हम स्वर्ण जीतेंगे। यह एक शुरुआत है और हम और अधिक पदक जीतेंगे।
हाल ही में अंडर-18 विश्व चैंपियन बनने वाली सत्रह साल की अदिति इस की सबसे जूनियर सदस्य हैं।उन्होंने कहा, देश के लिए पहला पदक जीतना और भारतीय ध्वज को लहराते देखना एक विशेष क्षण है।
ऐसे समय में जब भारतीय रिकर्व तीरंदाज गिरावट की स्थिति में हैं, गैर ओलंपिक कंपाउंड वर्ग में इस जीत से टीम का हौसला बढ़ेगा।इस टूर्नामेंट में भारत के सभी रिकर्व तीरंदाज पदक की दौड़ से बाहर हो गए हैं।धीरज बोम्मदेवरा और सिमरनजीत कौर के गुरुवार को प्री-क्वार्टर फाइनल से बाहर होने रिकर्व वर्ग में भारत की चुनौती खत्म हो गयी है।
भारत ने पिछली बार डेन बॉश नीदरलैंड में 2019 सत्र में विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप के रिकर्व वर्ग में पदक जीता था। तरुणदीप राय, अतनु दास और प्रवीण जाधव की पुरुष टीम ने रजत पदक जीता था।
मेक्सिको के खिलाफ फाइनल में तीनों भारतीय खिलाड़ियों ने पहले तीन दौर में 60 में 59-59 अंक बनाये। इससे भारत ने 177-172 की बढ़त बना ली।
भारत ने चौथे दौर में 58 के स्कोर के साथ मुकाबला जीत लिया।विश्व चैम्पियनशिप में यह ज्योति का कुल सातवां पदक है। उन्होंने इस स्वर्ण से पहले चार राजत और दो कांस्य पदक जीते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व तीरंदाजी चैम्पियनशिप में देश का पहला स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय महिला कंपाउंड टीम की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता से ही सफलता मिली।